मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज डेन और हैथवे केबल नेटवर्क में हिस्सेदारी खरीदने के बाद तेजी से बढ़ते दूरसंचार और कंटेंट कारोबार को संभालने के लिए सात सहायक कंपनियों का निर्माण किया है. न्यूज़ वेबसाइट मिंट की रिपोर्ट के अनुसार ये सहायक कंपनियां जियो कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन होल्डिंग्स, जियो इंटरनेट डिस्ट्रीब्यूशन होल्डिंग्स, जियो टेलीविज़न डिस्ट्रीब्यूशन होल्डिंग्स, जियो केबल और ब्रॉडबैंड होल्डिंग्स, जियो फ्यूचरिस्टिक डिजिटल होल्डिंग्स, जियो डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन होल्डिंग्स और जियो डिजिटल केबलको प्राइवेट हैं.
रिपोर्ट केअनुसार जियो से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “ये सहायक कंपनियां केबल सेवाओं के वितरण, इंटरनेट प्रोटोकॉल, प्रसारण, ब्रॉडबैंड इंटरनेट, वायरलेस, डेटा और होस्टिंग सेवाओं के कारोबार को संभालेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि नई सेट-अप कंपनियां आरआईएल को अपने दूरसंचार और सामग्री व्यवसायों के विभिन्न हिस्सों को कुशलता से चलाने में मदद करेंगी.
इससे पहले आरआईएल ने अक्टूबर में डेन नेटवर्क्स लिमिटेड में 66% हिस्सेदारी के लिए 2,290 करोड़ रुपये और हैथवे केबल और डाटाकॉम लिमिटेड में 51.3% हिस्सेदारी के लिए 2,940 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इन सौदों से आरआईएल को 1,100 शहरों में विस्तार करने और 50 मिलियन घरों को लक्षित करने और अपनी तेजी से बढ़ते ब्रॉडबैंड सेवाओं जियो गिगाफाइबर ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.
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सहायक कंपनियां मनोरंजन, ई-कॉमर्स, टेलीकॉम, इंटरनेट, दूरसंचार उपकरणों के निर्माण या सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवा उद्योग से संबंधित उद्यमों को भी बढ़ावा देगी. 2017-18 आरआईएल की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने 26 सहायक कंपनियों को समाहित किया है. आरआईएल 84 भारतीय और 42 विदेशी सहायक कंपनियों की पेरेंट हैं. इसमें 25 भारतीय और सात विदेशी कंपनियां सहयोगी हैं और 20 भारतीय और पांच विदेशी कंपनियां संयुक्त उद्यम हैं.
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