अब बेहद कम समय में होगा आपका मोबाइल नंबर पोर्ट, बस करने होंगे ये काम

अगर आप अपने मोबाइल ऑपरेटर से परेशान है और चाहते है की बिना अपना नंबर बदले अपने मनचाहे ऑपरेटर से जल्दी से जुड़ जाये तो ये आपके लिए अच्छी ख़बर हो सकती है. आपको बता दे कि ट्राई (TRAI) ने नंबर पोर्ट करने के नियमों में बदलाव किया है. जिससे कि यह प्रक्रिया अब ज्यादा आसान और तेज हो गई है. आपने जिस समय यह फैसला किया कि अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करना है तो उसके 48 घंटे के अंदर ही यह काम बड़ी आसानी से पूरा हो जाएगा. एक सर्किल के अंदर यह काम 48 घंटे में और दूसरे सर्किल में पोर्ट करवाने में 96 घंटे (4 वर्किंग डे) का समय लगेगा. TRAI की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि हमारा फोकस सबस्क्राइबर फ्रेंडली पर है. इसके लिए लगातार अच्छे-अच्छे कदम उठाये जा रहे हैं.

 

इस तरह होगा आपका मोबाइल नंबर पोर्ट

आपको मोबाइल नंबर पोर्ट करने के लिए सबसे पहले UPC (यूनिक पोर्टिंग कोड) जेनरेट करना होगा. इसके लिए अपने नंबर से अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में PORT <स्पेस > और अपना मोबाइल नंबर डालकर 1900 पर SMS करना होगा. इसके बाद कुछ ही पल में आपके मोबाइल नंबर पर UPC कोड का मैसेज आएगा. आपको बता दे कि UPC कोड की वैधता को 15 दिनों से घटाकर अब 4 दिन के लिए कर दी गई है. इस कोड के जेनरेट होने के बाद ही दूसरे ऑपरेटर के साथ पेपर वर्क करना होगा. इसके लिए ऑपरेटर का कस्टमर एप्लिकेशन फॉर्म (CAF) भरना होता है. इसमें आपका एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ और दूसरी जानकारी देनी होती है. पोस्टपेड कस्टमर को पुराना बिल नजदीकी ऑफिस में जमा करना पड़ता है. बता दे कि दूसरे मोबाइल नेटवर्क में पोर्ट करने का चार्ज 4 रुपये है जो कि पहले 19 रुपये था. नए नेटवर्क में सिम एक्टिव होने से पहले पुराने सिम का नेटवर्क गायब हो जाएगा. इसके बाद नए सिम को फोन में लगाना होगा. कुछ घंटे के भीतर नए सिम में नेटवर्क आ जाता है.

 

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पोर्ट रिक्वेस्ट गलत तरीके से हुई रिजेक्ट तो लगेगा जुर्माना

TRAI ने कहा कि अगर पोर्ट करने के रिक्वेस्ट को गलत तरीक से रिजेक्ट किया जाता है तो कंपनी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. एक ही सर्किल के अंदर पोर्ट कराने के लिए अधिकतम समय सीमा 48 घंटे है. हालांकि, कॉर्पोरेट कनेक्शन के लिए 4 वर्किंग डे का समय दिया गया है. अब यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) की वैधता 15 दिनों से घटाकर 4 दिनों के लिए कर दी गई है. आपको बता दे कि यह नियम जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट राज्यों के लिए नहीं लागू होता है. इन राज्यों के लिए UPC की वैधता 30 दिन है. इसके अलावा पोर्टिंग रिक्वेस्ट को वापस लेने के नियम को भी आसान बनाया गया है. एक टेक्स्ट मैसेज के जरिए पोर्टिंग रिक्वेस्ट को वापस लिया जा सकता है. कॉर्पोरेट कनेक्शन की बात करें तो एक ऑथराइजेशन लेटर से 50 की जगह 100 रिक्वेस्ट वापस लिए जा सकते हैं.

 

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