मोदी 2:0 में सस्ती EMI का तोहफा, RBI ने रेपो रेट में की कटौती

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहला बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल, आरबीआई की ओर से एक बार फिर रेपो रेट में कटौती की गई है. आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक में 0.25 फीसदी की कटौती हुई है. इसी के साथ अब नई रेपो रेट 5.75% हो गई है. नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक थी.


रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट को भी एडजस्ट किया गया है. इसे क्रमश: 5.50 फीसदी और 6.0 फीसदी किया गया है. रेपो रेट में यह कटौती तीसरी बार की गई है. रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती और नीतिगत रुख में बदलाव के पक्ष में रहे. मौद्रिक नीति समिति की बैठक का ब्योरा 20 जून 2019 को जारी किया जाएगा. समिति की अगली बैठक 5-7 अगस्त 2019 को होगी.


रेपो रेट में कटौती से लोन सस्ता होने की संभावना है. इसका असर होम लोन, कार लोन और बाकी तरह के लोन पर पड़ेगा और ग्राहकों को ईएमआई में भी सुविधा मिलेगी. हालांकि जमाकर्ताओं को बैंक जमा पर कम कमाई होगी. बीते महीने में आधिकारिक आंकड़ों के सामने आने के बाद रेपो रेट में कमी की गई है. आंकड़ों में बताया गया था कि देश की जीडीपी में 31 मार्च तक 5.8 फीसदी की बढो़तरी हुई. इसका मतलब है कि भारत तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी का स्टेटस खो चुका है क्योंकि चीन ने इन तीन महीनों में जीडीपी में 6.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी.


आइए जानतें हैं मौद्रिक समीक्षा बैठक की 10 अहम बातें…


1 आरबीआई ने रेपो रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी तत्काल की जरूरत के लिए एक दिन के लिए धन उधार देता है.


2 रिजर्व बैंक ने एनईएफटी और आरटीजीएस लेन-देन पर लगने वाले शुल्क को हटा दिया है. साथ ही बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा है.


3 रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत जबकि उधार की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर ब्याज दर और बैंक दर 6.0 प्रतिशत की गयी.


4 रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया. वृद्धि दर के अनुमान में कमी का कारण कमजोर वैश्विक परिदृश्य तथा निजी खपत में कमी है.


5 रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत रुख को ‘तटस्थ से ‘नरम किया.    


6 रिजर्व बैंक ने 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान मुद्रास्फीति 3-3.10 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. पिछली समीक्षा में यह अनुमान 2.90-3.0 प्रतिशत का था.


7 2019-20 की पहली छमाही के लिये मुद्रास्फीति के अनुमान को मामूली रूप से बढ़ाकर 3 से 3.1 प्रतिशत किया है. यह सरकार द्वारा निर्धारित 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में है.


8 मौद्रिक नीति घोषणा में कहा गया है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) इस बात पर गौर करती है कि आर्थिक वृद्धि दर उल्लेखनीय रूप से कमजोर पड़ी है. निवेश गतिविधियों में तीव्र गिरावट के साथ निजी खपत वृद्धि में नरमी चिंता की बात है.


9 मौद्रिक नीति समिति की बैठक का ब्योरा 20 जून 2019 को जारी किया जाएगा. 


10 आरबीआई मौद्रिक समिति की अगली बैठक 5 से 7 अगस्त 2019 को होगी.


Also Read: वर्ल्ड बैंक का दावा- भारत 7.5 फीसदी की रफ्तार से करेगा विकास, चीन रहेगा फिसड्डी


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )