मोदी सरकार खोलने जा रही अपने ख़ज़ाने का भण्डार, पब्लिक सेक्टर बैंकों को देगी इतने हजार करोड़

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि सरकार मार्च के अंत तक सरकारी बैंकों राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों को 42 हजार करोड़ रुपये दे सकती है. इस साल की शुरुआत में सरकार ने अपने वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए पांच पीएसबी – पीएनबी, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, आंध्र बैंक और निगम बैंक को 113.36 अरब रुपये दिए थे. अधिकारी ने कहा, उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) जैसे बड़े पीएसबी को मार्च 2019 को समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में अधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता नहीं हो सकती है.

 

अधिकारी ने कहा, “एसबीआई और पीएनबी जैसे कुछ बड़े सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों को 2018-19 में सरकार से आगे पूंजी निवेश की आवश्यकता नहीं हो सकती है. हालांकि बैंकों की फंडिंग सरकारी खजाने की हालत पर निर्भर करेगी. बीते कुछ समय में कच्चे तेल के दाम में तेज गिरावट आने और रुपये के स्थिर होने से राजकोषीय दबाव कम हुआ है. गौरतलब है कि सरकारी बैंकों को मार्च 2019 तक 1.2 लाख करोड़ टियर वन कैपिटल की जरूरत है.

 

रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने पिछले हफ्ते आरबीआई बोर्ड के निर्णय को बेसल III दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए बैंकों के लिए समयरेखा बढ़ाने का निर्णय पीएसबी के लिए ‘क्रेडिट नकारात्मक’ कहा था.

 

Also Read: वर्ल्ड बैंक प्रमुख जिम यॉन्ग किम ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ़, बोले- उनके जैसे नेता दुनिया में बहुत कम हैं

 

सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में 2.11 ट्रिलियन पूंजी निवेश कार्यक्रम की घोषणा की थी. योजना के अनुसार, पीएसबी को पुनर्पूंजीकरण बांड के माध्यम से 1.35 ट्रिलियन रुपये और बाजार से पूंजी जुटाने के माध्यम से शेष 580 अरब रुपये प्राप्त करना है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )