बॉलीवुड दिग्गज कादर खान को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कार, बेटे सरफराज ने कहा अच्छा होता अगर…

तीन दशकों तक बॉलीवुड में अहम रोल निभाने वाले दिग्गज कलाकार कादर खान के निधन को लगभग एक महीना बीत चुका है. और अब भारत सरकार ने उनकी भारतीय सिनेमा जगत के प्रति समर्पण को देखते हुए उनके मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित करने का फैसला किया है. कादर खान बॉलीवुड के दमदार एक्टर होने के साथ एक जबरदस्त लेखक भी थे. उन्होंने ने 300 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग और 200 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखे थे.


ख़बरों के मुताबिक, कादर खान के बेटे सरफराज खान सरकार के इस फैसले से काफी खुश है और उन्होंने भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया. सरफराज इस पुरस्कार को लेने कार्यक्रम में शामिल होंगे. गौरतलब है कि, बीते दिनों फिल्मकार के. सी. बोकाडिया ने कहा था कि मरहूम अभिनेता-लेखक को फिल्म उद्योग से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे.


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सरफराज ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह मेरे पिता के कठिन परिश्रम का नतीजा और मैं इसे स्वीकार करूंगा. हांलाकि इसे देने में देरी हुई. अच्छा होता कि वह इसे खुद स्वीकार करते, लेकिन मैं इसे अपने पिता के लिए प्राप्त करना चाहता हूं. अगर ईश्वर किसी व्यक्ति के साथ खुश है तो उस व्यक्ति के जाने के बाद भी उसे सम्मान मिलते रहना चाहिए.


300 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग और 200 से ज्यादा फिल्मों के संवाद लिखने वाले कादर खान एक बेहतरीन इंसान थे. उन्होंने 44 साल तक बॉलीवुड में काम किया. कादर खान हरफनमौला कलाकार थे. अपने डायलॉग से ही उन्होंने अमिताभ को एंग्रीमैन बनाया। अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे बड़े अभिनेताओं को स्थापित करने में कादर खान भी बहुत बड़ा योगदान रहा. उनकी और गोविंदा की जोड़ी को परदे पर काफी पसंद किया गया.


सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन के लिए मिला था फिल्म फेयर


कादर खान को राइटर के तौर पर ब्रेक राजेश खन्ना ने दिया था. उन्हें ‘मेरी आवाज सुनो’ फिल्म के लिए 1982 में सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार मिला इसके साथ ही 1993 में ‘अंगार’ फिल्म के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का फिल्म फेयर पुरस्कार भी जीता. 1973 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले कादर खान ने अबतक 300 से अधिक फिल्मों में काम किया था, और उनको आखरी बार 2015 में आई फिल्म दिमाग का दही में देखा गया था.


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अच्छे अभिनय के कारण उन्हें बॉलीवुड में काफी नाम मिला. बहुत ही कम लोगों को यह पता है की कादर खान एक अच्छे अभिनेता होने के साथ एक अच्छे लेखक भी थे. उन्होंने हिम्मतवाला, कुली नं वन, मैं खलाड़ी तू अनाड़ी, खून भरी मांग, कर्मा, सरफरोश और धर्मवीर जैसी सुपर हिट फिल्मों के संवाद लिखे थे. 2013 में कादर खान को उनके फिल्मों में योगदान के लिए साहित्य शिरोमनी अवार्ड से नवाजा गया था.


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