जम्मू कश्मीर में भाजपा ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद केंद्र सरकार पत्थरबाजों और आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए कोशिशे तेज़ करती नज़र आ रही है। केंद्र सरकार ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को कश्मीर में तैनात किया है। इन सभी अधिकारियों की अपनी-अपनी उपलब्धि रही है। राज्य में नए चीफ सेक्रेटरी बनाए गए सुब्रहम्ण्यम जहां वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं तो वहीं व्यास को नक्सलियों पर नकेल कसने का माहिर माना जाता है। वहीं तीसरे अधिकारी जिन्हें राज्यपाल का दूसरा सलाहकार बनाया गया है उनका नाम है विजय कुमार। विजय कुमार वही हैं जिन्होंने कुख्यात चंदन तस्कर के वीरप्पन को ढेर कर उसके आतंक को खत्म किया था।
वीरप्पन को मौत के घाट उतारा था आईपीएस अधिकारी विजय कुमार ने
वीरप्पन वर्षों तक कर्नाटक और तमिलनाडु की पुलिस के लिए एक सिरदर्द बना रहा था। करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकार उसका कुछ नहीं कर पा रही थी। उसके हाथ कई अधिकारियों के खून में रंगे हुए थे। जो कोई पुलिस का या सरकारी अधिकारी उसके हत्थे चढ़ जाता था वह उसकी बड़ी बेरहमी से हत्या कर देता था। यही वजह थी कि वीरप्पन के नाम का खौफ इस पूरे इलाके में था। आईपीएस अधिकारी विजय कुमार ने इसी खौफ को हमेशा के लिए मौत की नींद सुलाने का काम किया था।
जानें IPS विजय कुमार से जुडी हर बात –
– विजय कुमार 1975 के तमिलनाडु कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। ये 1998 से 2001 तक बीएसएफ के आईजी के तौर पर कश्मीर घाटी में ड्यूटी कर चुके हैं।
– साल 2004 में विजय उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनकी अगुवाई में STF ने कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मार गिराया था।
– साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों के शहीद होने के बाद विजय कुमार को इस फोर्स का डीजी बनाया गया था।
– विजय कुमार की निगरानी में नक्सलियों के खिलाफ कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया गया।
जानें बीवीआर सुब्रमण्यम के बारे में –
– सुब्रमण्यम 1987 बैच के IASऑफिसर हैं। इनकी अगुवाई में कई बड़े ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुंचाया गया। इनमें नक्सलियों के खिलाफ कई ऑपरेशन शामिल हैं।
– फिलहाल सुब्रमण्यम छत्तीसगढ़ में गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी थे। उन्हे डेपुटेशन पर जम्मू-कश्मीर भेजा गया है।