बड़ा फैसला: रेलवे ट्रैक पर नहीं फैलेगी गंदगी, ट्रेन में लगेंगे हवाई जहाज की तरह वैक्यूम टॉयलेट

ट्रेन की पटरियों पर आपका ध्यान जाता होगा तो गंदगी देखकर आपका मन गन्दा हो जाता है। यह समस्या खासो- आम की है। अब मोदी सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव लाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सबसे पहले आपको बता दें भारतीय रेल की लगभग सभी रेलगाड़ियों में बायॉ-टॉइलट लगाने के बाद अब उनकी जगह अडवांस वैक्यूम बायॉ-टॉइलट लगाने की तैयारी चल रही है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कि विमानन कंपनियों के साथ बराबरी करने के लिए रेलवे अपनी सुविधाओं में सुधार कर रहा है और ट्रेनों में बायॉ-टॉइलट की जगह आधुनिक टॉइलट लगाना इसी योजना का हिस्सा है।

विमानों की तरह ट्रेनों में भी वैक्यूम बायॉ-टॉइलट लगा रहा है रेलवे

गोयल ने कहा, ‘हम विमानों की तरह ट्रेनों में भी प्रायोगिक तौर पर वैक्यूम बायॉ-टॉइलट लगा रहे हैं। करीब 500 वैक्यूम बायॉ-टॉइलट का आर्डर दिया गया है। यह प्रयोग सफल होने पर मैं रेलगाड़ियों में लगे सभी 2.5 लाख बायॉ-टॉइलट को बदलकर वैक्यूम बायॉ-टॉइलट लगाने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार हूं।’

करीब 250 करोड़ रुपये की आएगी लागत

रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 31 मई तक 37,411 डिब्बों में 1,36,965 बायॉ-टॉइलट लगाए गए हैं। प्रत्येक टॉयलेट पर करीब एक लाख रुपये की लागत आई थी। मार्च 2019 तक करीब 18,750 और डिब्बों में बायॉ-टॉइलट लगाए जाने की योजना है। इसी के साथ भारतीय रेलवे के सभी डिब्बों में इस तरह के टॉइलट लग जाएंगे। इसपर करीब 250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

मार्च 2019 तक 100 प्रतिशत रेलगाड़ियों में बायॉ-टॉइलट का काम होगा पूरा

गोयल ने कहा, ‘मार्च 2019 तक 100 प्रतिशत रेलगाड़ियों में बायॉ-टॉइलट लग चुके होंगे जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। रेल की पटरियां साफ होंगी, बदबू नहीं होगी और पटरियों के नवीकरण का भार भी कम होगा।’ उन्होंने बताया कि प्रति इकाई 2.5 लाख रुपये की लागत से तैयार होने वाले वैक्यूम टॉइलट बदबू रहित होंगे। इसमें मौजूदा टॉइलट के मुकाबले पानी का इस्तेमान पांच प्रतिशत कम होगा और इसके अवरुद्ध होने का अंदेशा भी बहुत कम होगा।

भारतीय रेल की लगभग सभी रेलगाड़ियों में बायॉ-टॉइलट लगाने के बाद अब उनकी जगह अडवांस वैक्यूम बायॉ-टॉइलट लगाने की तैयारी चल रही है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कि विमानन कंपनियों के साथ बराबरी करने के लिए रेलवे अपनी सुविधाओं में सुधार कर रहा है और ट्रेनों में बायॉ-टॉइलट की जगह आधुनिक टॉइलट लगाना इसी योजना का हिस्सा है।