यूपी के प्रशासनिक अधिकारियों का हाल, हिस्ट्रीशीटर जाकिर अली जैसे अपराधियों को बांट दी लोकतंत्र सेनानी की पेंशन

उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। अधिकारियों ने लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली पेंशन प्रदेश के अपराधियों में बांट दी। संगीन अपराधों में शामिल ये बदमाश लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली पेंशन का पूरा लाभ उठा रहे हैं। इनमें लखनऊ के मड़ियावं थाना क्षेत्र का हिष्ट्रीशीटर अपराधी 71 वर्षीय जाकिर अली भी शामिल है।

 

बिना पात्रता जांचे बांटते रहे पेंशन

जानकारी के मुताबिक, 71 वर्षीय हिस्ट्रीशीटर जाकिर अली मड़ियावं के घैला गांव का निवासी है। जाकिर अली मड़ियावं थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट संख्या 197-ए है। जाकिर अली पर 12 से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। बावजूद इसके प्रशासनिक लापरवाही की वजह से ऐसे अपराधी लोकतंत्र सेनानी की पेंशन का मजा लूट रहे हैं।

 

Also Read : सुप्रीम कोर्ट से मिली मुलायम सिंह को राहत, खारिज हुई कार सेवकों पर गोली चलवाने पर FIR की याचिका

वहीं, शासन के निर्देश पर डीएम कौशलराज शर्मा ने जांच करवाई तो पूरा मामला सबके सामने आ गया। ऐसे में डीएम ने लोकतंत्र सेनानियों की पात्रता की जांच करवाने की जिम्मेदारी एडीएम पश्चिमी संतोष कुमार वैश्य को सौंप दी है। एडीएम की निगरानी में 50 लोकतंत्र सेनानियों के पात्रता की जांच करवाई जा चुकी है। इसमें जाकिर अली का भी नाम सामने आया है।

 

Also Read : ..और जब बीच कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की हरकत पर भड़क गए मुलायम सिंह यादव, बोले- खबरदार जो आगे से..

उधर, पीलीभीत जिले में 150 लोगों को लोकतंत्र सेनानी की पेंशन देने की बात सामने आई हैं। खास बात ये है कि इनमें से 23 ऐसे लोग हैं जिन पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है। इसकी भी जांच तेज कर दी गई है।

 

क्यों दी जाती है लोकतंत्र सेनानी पेंशन

जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के ऐसे राजनीतिक बंदियों को यह पेंशन सम्मान राशि के रूप में दी जाती है, जिन्होंने इमरजेंसी (आपतकाल : 25 जून, 1975 से लेकर 21 मार्च, 1977 तक) लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से संघर्ष किया औ आपातकाल के विरोध में डीआईआर और मीसा व अन्य धाराओं में जेल में बंद रहे।

 

Also Read : मुलायम सिंह अखिलेश से बोले- आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन आप निभा नहीं रहे

सपा सरकार ने 2006 में यह पेंशन योजना शूरू की थी, जिसे 2007 में बीएसपी सरकार ने खत्म कर दिया था। लेकिन 2016 में फिर सपा सरकार में इसे शूरू कर दिया गया था। शुरुआत में लोकतंत्र सेनानियों को पांच हजार रुपए पेंशन दी जाती थी। इसके बाद इसे बढ़ाकर 15000 कर दिया गया। वहीं, पिछले साल जून में बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रतिमाह कर दी थी। इसकी कुल लागत 35.35 करोड़ रुपये प्रति माह के हिसाब से आ रही है।

 

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )