भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का दूसरा वार, 15 और सीनियर अफसरों को किया जबरन रिटायर

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सख्त फैसलों का दौर शुरू हो गया है. सरकार ने एक्साइज और कस्टम डिपार्टमेंट के 15 वरिष्ठ अधिकारियों (15 tax senior officers) को समय से पहले रिटायर कर दिया है. पिछले हफ्ते आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को वित्त मंत्रालय ने जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) कर दिया था. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 (Rule 56) के तहत वित्त मंत्रालय ने इन अफसरों को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दिया है.


केंद्र सरकार के पास अधिकार है कि जो अफसर 50 या 55 साल की उम्र या 30 साल की आयु पार कर चुके हैं और उनका कामकाज ठीक नहीं है तो सरकार ऐसे अधिकारियों को वक्त से पहले रिटायर होने को कह सकती है (Compulsory Retirement). गौरतलब है कि इससे पहले वित्त मंत्रालय ने पिछले सोमवार को 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था. इनमें से कई अफसरों पर भ्रष्टाचार, अवैध और बेहिसाब संपत्ति के अलावा यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप थे.


ये सभी अधिकारी आयकर विभाग में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात थे. रिटायर किए 12 अधिकारियों में अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजॉय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल थे. मोदी सरकार आने वाले दिनों में भी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगी.


क्या है नियम (Rule 56)

वित्त मंत्रालय रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है, जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. सरकार के जरिए ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दिया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है. सरकार के जरिए अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिए जाने का नियम काफी पहले से ही प्रभावी है.


साल 2014 में सत्ता में आने पर मोदी सरकार ने पहली बार वित्त मंत्रालय के रूल 56 के तहत काम में सुस्ती दिखाने वाले अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया था. रूल 56 राजपत्रित अधिकारियों जैसे आईएएस, आईपीएस और ग्रुप-ए के अधिकारियों के साथ ही गैर-राजपत्रित अधिकारियों को भी अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा सकता है.


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