वर्ल्ड बैंक प्रमुख जिम यॉन्ग किम ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ़, बोले- उनके जैसे नेता दुनिया में बहुत कम हैं

वर्ल्ड बैंक प्रमुख जिम यॉन्ग किम ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ़, बोले- उनके जैसे नेता दुनिया में बहुत कम हैं यह बात उन्होंने ‘इकनॉमिक टाइम्स’ पर प्रकाशित ‘पीएम मोदी हैज टेकन सीरियस बिजनेस रेग्युलेट्री रीफॉर्म्स’ (पीएम ने कारोबार संबंधी नियामक सुधारों को गंभीरता से लिया है) शीर्षक वाले लेख में कही है. किम, वर्ल्ड बैंक ग्रुप के 12वें प्रेसिडेंट हैं. वह इसके अलावा कोरियाई-अमेरिकी फिजीशियन भी हैं.

 

उन्होंने आगे लिखा, “15 साल पहले वर्ल्ड बैंक ने पहली डुइंग बिजनेस (डीबी) इंडेक्स रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें हर देश को एक रैंक दी गई थी. यह रैंक देशों में कारोबार शुरू करने और उसे चलाने संबंधी नियमों के आधार पर तय की गई थी. रिपोर्ट में कारोबार के नियमों से जुड़े 11 बिंदु थे, जिनमें कंस्ट्रक्शन परमिट, संपत्ति की रजिस्ट्री, कर का भुगतान और कुछ अन्य चीजें शामिल थीं.”

 

बकौल किम, “नरेंद्र मोदी सरीखे दुनिया में बहुत ही कम नेता हैं, जिन्होंने कारोबार नियामक सुधारों को गंभीरता से लिया है. मैं पहली बार उनसे अक्टूबर 2014 में मिला था, जिससे कुछ ही दिनों पहले उस साल की डीबी रिपोर्ट आई थी. 189 देशों में भारत 142वें पायदान पर था. भारत में तब कारोबार शुरू करना व उसे चलाना बेहद कठिन था. मसलन एक उद्यमी को बिजली के लिए सात आधिकारिक प्रक्रियाओं से गुजरना होता था, जिसमें कि तकरीबन 100 दिन लगते थे.”

 

वर्ल्ड बैंक प्रमुख के मुताबिक, “मोदी भारत की रैंक से निराश थे. उन्होंने शीर्ष 50 देशों में आने को लेकर अपना दृष्टिकोण साझा किया और वर्ल्ड बैंक समूह से इस सपने को साकार करने के लिए जानकारी व सलाह की मांग की थी. भारत ने उसके बाद कारोबार नियमों में खासा सुधार किया है. उदाहरण के तौर पर इस वर्ष ती डीबी रिपोर्ट देखें तो 2014 की तुलना में अब एक उद्यमी को बिजली का कनेक्शन पाने के लिए आधा समय लगता है. इन्हीं सुधारों ने भारत की रैंक उस श्रेणी में 111 (2014 में) से ऊपर उठाकर 24 कर दी.”

 

आपको बता दें कि पीएम मोदी की सरकार में देश में कारोबार करना पहले की तुलना में सरल हुआ है. 31 अक्टूबर को इस बात का खुलासा वर्ल्ड बैंक के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ इंडेक्स के जरिए हुआ. भारत की ताजा रैंकिंग (2018) में 23 प्वॉइंट्स की बढ़ोतरी हुई. यह ऊपर चढ़कर 77 हो गई। पिछले साल देश की रैंक 100 थी.

 

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