प्रोफेसर सिद्ध नाथ उपाध्याय को “उत्कृष्ट शोध परिवेश के सृजन” हेतु सम्मान

भारतीय प्रौद्योगिकी संसथान (काशी हिन्दू विश्व विद्यालय ) वाराणसी के रसायन अभियांत्रिकी विभाग के एमेरिटस प्रोफेसर एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो सिद्ध उपाध्याय को अंतर्राष्ट्रीय भौतिक विज्ञान अकादमी (International Academy of Physical Sciences) ने रसायन अभियांत्रिकी विज्ञान के शिक्षण एवं उसमें शोध के क्षेत्र में उनके अप्रतिम योगदान के लिए डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद में अप्रैल 13 से 15 तक आयोजित अपने 22वें वार्षिक अधिवेशन में अकादमी का फेलो बनाकर सम्मानित किया |

प्रोफेसर उपाध्याय ने साझा किए अनुभव

इस अवसर पर प्रोफेसर उपाध्याय ने “बोध आधारित शोध की ख़ुशी एवं उसके लाभ” पर आधे घंटे का पुरस्कार-व्याखान भी दिया। इस व्याख्यान में उन्होंने युवा शोधकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने शोध कार्यों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए अपना अनुभव साझा किया। इसके साथ ही यह भी बताया कि अगर लक्ष्य पक्का और स्पष्ट है तो साधन की कमी शोध के रास्ते में आड़े नहीं आ सकती है, कोई न कोई वैकल्पिक तरीका निकल ही आता है।

सम्मान पाने वाले पहले व्यक्ति बने प्रोफेसर उपाध्याय, मिले हैं कई अहम् सम्मान

प्रोफेसर उपाध्याय भारतीय प्रौद्यिगिकी संस्थान (काहिविवि) वाराणसी एवं रसायन अभियांत्रिकी के क्षेत्र के पहले व्यक्ति हैं यह सम्मान मिला है। ज्ञातव्य हो कि प्रोफेसर उपाध्याय इसके पूर्व भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (भारत), इंस्टिट्यूशन ऑफ़ इंजीनियरस (भारत) एवं बायोटेक्नोलोजी शोध सोसायटी, भारत द्वारा भी फ़ेलोशिप से सम्मानित हो चुके हैं |

दक्षिण अफ्रीका के विद्धान प्रो ओलुवोले डेनियल समेत कई और लोग हुए सम्मानित

इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका के गणित के विद्वान प्रो ओलुवोले डेनियल मकिंडे को गणित के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए एवं गुरु जम्बेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो टन्केश्वर प्रसाद को भौतिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए फेलोशिप से सम्मनित किया गया |

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यह अकादमी 22 वर्ष पुरानी है और इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है। यह प्रति वर्ष गणित, भौतिकी एवं रसायन विज्ञानं के क्षेत्र के एक एक विद्वान को अपना फेलो बनती है | वर्तमान में इसके अध्यक्ष प्रो के बी पाण्डेय हैं जो कई विश्वविद्यालयों के कुलपति रह चुके हैं एवं रसायन शास्त्र के विद्वान हैं। इसके जेनरल सेक्रेटरी नेहरू ग्राम भारती (डीम्ड विश्वविद्यालय) के कुलपति हैं।