बार-बार कश्मीर राग अलापने पर भारत ने पाक को संयुक्त राष्ट्र में लगाई कड़ी फटकार

सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद भारत ने पाकिस्तान की नई सरकार को कड़े शब्दों में कहा है कि उसे वाद-विवाद में शामिल नहीं होना चाहिए. भारत ने कहा कि इमरान सरकार को चाहिए कि वह दक्षिण एशियाई क्षेत्र को आतंक और हिंसा से मुक्त करने की दिशा में काम करे. संयुक्त राष्ट्र में पाक राजदूत मलीहा लोधी ने बहस के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाया तो भारत के अकबरुद्दीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई.

 

उन्होंने कहा कि पाक एक असफल दृष्टिकोण को पुनर्जीवित कर रहा है, जिसे विश्व बिरादरी काफी पहले खारिज कर चुकी है. अकबरुद्दीन ने कहा, हमें आशा है कि पाक की नई सरकार व्यर्थ के वाद-विवाद में शामिल होने के बजाय एक सुरक्षित, स्थिर और विकसित दक्षिण एशियाई क्षेत्र के विकास के लिए रचनात्मक रूप से काम करेगी, ताकि यह इलाका हिंसा व आतंक से मुक्त हो सके.

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, मैं पाक को याद दिलाना चाहता हूं कि स्थिर समाधान के लिए सोच में शांति का इरादा और कार्रवाई में शांति संबंधी सामग्री होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अलग-थलग पड़े प्रतिनिधि मंडल ने भारत के अभिन्न हिस्से का बार-बार अनुचित उल्लेख किया है. पाक में बनी नई सरकार के लिहाज से भारत का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते चल रहे हैं.

 

पाक ने किया दशकों पुरानी असफल कोशिशों का जिक्र

संयुक्त राष्ट्र में पाक राजदूत मलीहा लोधी दशकों पुराने उस असफल प्रयासों का हवाला दे रही थीं, जब 1948 में संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावना में कश्मीर विवाद की जांच और मध्यस्थता के लिए यूएनसीआईपी का गठन कर इसके निपटारे की बात की गई थी. लोधी ने जम्मू-कश्मीर विवाद परिषद के एजेंडे को दीर्घकालिक मुद्दा बताया. इस पर भारत की तरफ से अकबरुद्दीन ने कहा कि इन बातों से न तो पाक के शांति के इरादे जाहिर होते हैं और न ही शांति की सामग्री का पता चलता है.

 

नई पाक सरकार के सामने आतंक का मुद्दा उठाएंगे पोंपियो

पाक के नए नेतृत्व के साथ अगले सप्ताह होने वाली मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो आतंकवाद के खिलाफ जंग का मुद्दा उठाएंगे. डॉन अखबार ने कहा कि पाक नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत का ‘प्रमुख हिस्सा’ आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर केंद्रित होगा.

 

पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी पुष्टि की कि पोंपियो आगामी पांच सितंबर को इस्लामाबाद में होंगे. यह भी पता चला है कि इस अहम दौरे पर पोंपियो अकेले नहीं, बल्कि उनके साथ ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल जोसफ एफ. डुनफोर्ड भी होंगे. रक्षा मंत्री जेम्स मेटिस ने पेंटागन में कहा कि विदेश मंत्री और अध्यक्ष इस्लामाबाद में नई सरकार से मुलाकात के लिए जा रहे हैं. प्रेसवार्ता में डुनफोर्ड भी मौजूद रहे. मेटिस ने कहा कि अमेरिका की ‘दक्षिण एशिया में स्थायी रुचि’ है. पोंपिओ और जनरल डुनफोर्ड के इमरान खान से मुलाकात करने की भी संभावना है.

 

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