नदियों का पानी रोकने के बाद पाकिस्तान ने जवाब में कहा- अगर भारत ने पानी रोका तो…

जम्मू-कश्मीर में हुए पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्‍तान के लिए भारत का रवैया दिन प्रति दिन सख्त होता जा रहा है. बीते गुरुवार को भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान को पूर्वी क्षेत्र की नदियों से मिलने वाले अपने हिस्से के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया था. भारत के इस फैसले के बाद अब पाकिस्तान का जवाब आया है. अपने जवाब में पाकिस्तान ने कहा है कि अगर भारत द्वारा पूर्वी नदियों (रावी, सतलज और ब्यास) के पानी के प्रवाह में बदलाव किया जाता है, तो इससे उसे कोई चिंता नहीं होगी.


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भारत के ऐसा करने पर पाक को कोई फिक्र नहीं

आपको बता दें भारत से पाकिस्तान की ओर प्रवाहित होने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलुज का पानी पाकिस्तान को मिलता है. पाकिस्‍तान के अखबार डॉन के मुताबिक पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ख्वाजा शुमैल ने कहा- ‘अगर भारत पूर्वी नदियों के पानी को मोड़ता है और अपने लोगों को इसकी आपूर्ति करता है या अन्य उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करता है, तो हमें न कोई चिंता है और न ही कोई आपत्ति है. क्‍योंकि, आईडब्ल्यूटी ऐसा करने की इजाजत देता है’.


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गडकरी का ट्वीट, पाकिस्तान बेफिक्र

भारत के जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में कहा था- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला लिया है. हम पूर्वी नदियों के पानी के प्रवाह का मार्ग बदल देंगे और इसकी आपूर्ति जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को करेंगे’. ख्वाजा शुमैल ने कहा कि पाकिस्तान ने गडकरी के ट्वीट को आईडब्ल्यूटी के संदर्भ में चिंताजनक रूप में नहीं देखता. उन्‍होंने कहा- ‘दरअसल, भारत रावी नदी पर शाहपुरकंडी बांध बनाना चाहता है. इस परियोजना को 1995 के बाद से छोड़ दिया गया था. अब वे (भारत) अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने के लिए इस पर काम करना चाहता है, जो अप्रयुक्त हो जाता है और अंत में पाकिस्तान में बह जाता है. इसलिए यदि वे इसका उपयोग करना चाहते हैं, तो इस बांध के निर्माण के माध्यम से या अपने लोगों के लिए किसी अन्य तरीके से इसका उपयोग कर सकते हैं. वे ऐसा कर सकते हैं और इससे हमारा कुछ लेना-देना नहीं है.


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पश्चिमी नदियों को लेकर उठाएंगे आपत्ति

पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी ख्वाजा शुमैल ने कहा- ‘हम निश्चित रूप से अपनी चिंताओं को व्यक्त करेंगे और पश्चिमी नदियों (चिनाब, सिंधु, झेलम) के पानी का उपयोग या पानी के प्रवाह को बदलने को लेकर दृढ़ता से आपत्तियां उठाएंगे, क्‍योंकि इस पर हमारे प्रयोग का अधिकार है’.


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