यूपी में हर बूथ पर कमल खिलाने की रणनीति तैयार, बाइक रैली से लेकर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ से माहौल बनाएगी बीजेपी

आगामी लोकसभा चुनाव फतह करने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति को जमीन स्तर पर उतारने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है. सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस को पछाड़कर प्रदेश की 74 से ज्यादा सीटें जीतने के लिए बीजेपी बूथों पर चक्रव्यू रच रही है. विपक्ष को उलझाने के लिए जातीय स्तर पर भी गोलबंदी भी की जा रही है. प्रदेश में 1. 63 लाख बूथ हैं, जिनमें 1.4 लाख बूथों पर 21 सदस्य समिति के हिसाब से 29,40000 कार्यकर्ता तैनात किए गए हैं यही कार्यकर्ता असली मोर्चा संभालेंगे. बता दें 2014 आम चुनावों बीजेपी संगठन महामंत्री सुनील बंसल की बूथ जीतों रणनीति ने ही बीजेपी को यूपी में 80 में से 73 सीटें दिलाई थीं.


भाजपा इस बार भी चुनाव में बूथ जीतो फार्मूले को लेकर मैदान में उतरेगी लेकिन इस बार उसके स्वरूप में बदलाव किया गया है. थ्री टियर सिस्टम के जरिए हर बूथ पर 50 फ़ीसदी से अधिक मत पाने की रणनीति बनी है. हर बूथ पर 21 सदस्य समिति का गठन किया गया है. दूसरे अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति से लेकर हर वर्ग के नए सदस्य बनाए गए हैं, और विपक्ष की ताकत में भी पार्टी ने सेंध लगानी शुरू कर दी है, तीसरे केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को चिन्हित कर उनका भी समूह बनाया गया.


लखनऊ में भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में तय किया गया कि हर बूथ पर देश प्रेम का जज्बा बनाये रखने और हर दलों को पीछे छोडऩे के लिए लगातार अभियान चलेगा. दो मार्च को निकलने वाली बाइक रैली में सभी प्रमुख नेताओं की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है. भाजपा मुख्यालय पर आयोजित कोर ग्रुप की बैठक मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश, सह प्रभारी गोवद्र्धन झड़पिया, नरोत्तम मिश्रा, दुष्यंत गौतम और सुनील ओझा शामिल हुए.


इस बैठक में मोदी के महासंवाद से बने माहौल पर चर्चा हुई. दो मार्च को भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में बाइक रैली निकाल रही है. इस रैली के जरिये भाजपा हर क्षेत्र में माहौल बनाएगी और देश प्रेम का जज्बा बनाये रखेगी. इसके बाद सभी लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सम्मेलन होने हैं. इन सम्मेलनों को भव्य स्वरूप देने तथा इसके जरिये चुनावी अभियान में हर वर्ग को जोडऩे पर जोर दिया गया. लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी ने ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ और ‘सबका साथ सबका विकास’ जैसे नारों से माहौल बनाया था ठीक इसी तरह इस बार पार्टी ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारे को माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल करेगी.


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