पहचान लिजिए, यही है गोमतीनगर विस्तार का दरिंदा मैनुद्दीन अंसारी, जिसने मासूम के साथ लिफ़्ट में की थी दरिंदगी की कोशिश, लोग बोले- जेल नहीं फांसी पर लटकाओ

यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के पाश गोमतीनगर विस्तार इलाके में 10 साल की मासूम से लिफ्ट में छेड़छाड़ मामले में आरोपी मैनुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. वारदात के बाद से कालोनी के लोग आक्रोशित हैं और इलाके में सनसनी फैली हुई है. ये घटना गोमतीनगर विस्तार के एक अपार्टमेंट की लिफ़्ट में हुई.


जानकारी के मुताबिक़ रविवार को गोमतीनगर विस्तार (Gomti Nagar Extension) के एक अपार्टमेंट में रहने वाले एक अफसर की दस साल की बेटी करीब शाम 5 बजे कोचिंग पढ़कर 4 मंजिले जाने के लिए लिफ़्ट में पहुँची. इसी दौरान अपार्टमेंट में ही रहने वाले एक ठेकेदार का ड्राइवर भी लिफ़्ट में आ गया. लिफ्ट बंद होते ही उसने बच्ची के साथ दरिंदगी की कोशिश की, इस अप्रत्याशित वाकए से दहशतजदा बच्ची बदहवास हो गई और लिफ़्ट खुलते ही भाग कर रोती हुई माँ के पास पहुँची.मां ने आसपास के लोगों को इस घटना के बारे बताया. इस बीच सूचना मिलते ही पावर विंग की सुमन रावत भी यहाँ पहुंच गईं.


पुलिस ने जब लिफ़्ट का सीसीटीवी खंगाला तो सच सामने आ गया. पूरी घटना सीसीटीवी में मौजूद थी. पुलिस ने जब आरोपी की फोटो निकालकर शिनाख्त की तो अपार्टमेन्ट के लोगों ने ही आरोपी को पहचान लिया. जिसके बाद उसे दबोच लिया गया. आरोपी की पहचान मैनुदीन अंसारी के रूप में हुई है. पूछताछ में मैनुद्दीन ने झूठ बोलते हुए घटना को नकार दिया, पर सीसीटीवी से उसके पाप का भांडा फूट गया.


वहीं इस मामले पर गोमतीनगर विस्तार निवासी वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर दुबे BreakingTube को बताया कि ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए सभी अपार्टमेन्ट में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाएँ और उसके कंट्रोल रूम में 24*7 मोनिटरिंग की व्यवस्था की जाए. उन्होंने अपार्टमेन्ट में रहने वालों को हिदायत दी है कि एम्पलॉय रखने से पहले उसके डाक्यूमेंट्स का पुलिस वेरिफिकेशन जरुर कराएं ताकि भविष्य में फिर कोई ऐसी घटना न घटे.


इस मामले पर गोमती नगर विस्तार निवासी अशोक त्रिपाठी ने आरोपी के लिए फांसी की मांग की है. उन्होंने कहा,” इस प्रकार के अपराधों में जेल तो एक सामान्य सजा है. जिस प्रकार का जघन्य अपराध किया गया है, सजा भी उसी के अनुसार होनी चाहिये. हमारी मांग है कि आरोपी को फांसी की सजा हो ताकि भविष्य में फिर कोई भी व्यक्ति ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे. हमारी दूसरी मांग है कि ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हो और हर रोज सुनवाई हो ताकि पीड़िता को त्वरित न्याय मिल सके. होता क्या है कि ऐसे मामले कोर्ट में साल-दो साल तक चलते हैं जिससे पीड़िता और परिजनों का आक्रोश शांत होता जाता है, इसका फायदा सीधा-सीधा अपराधी को मिलता है, जिसका परिणाम होता कि समाज में ऐसे अपराधों की दिन प्रति दिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है”.


वहीं गोमती नगर विस्तार निवासी पंकज यादव का कहना है कि आये दिन मासूमों के साथ ऐसी घटनायें सामने आती हैं. इनपर लगाम लगाना जरुरी है, और ये बिना कठोर सजा के प्रावधान के संभव नहीं है ऐसे में हमारी मांग है कि आरोपी को केवल जेल नहीं बल्कि फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि लोगों में ऐसे अपराधों के प्रति खौफ उत्पन्न हो सके.


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