जब अवैध कब्जों पर हुई कार्रवाई तो आजम खान को पाकिस्तान की याद आई: शलभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान (Azam Khan) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज जब अवैध कब्जों को लेकर कार्रवाई हो रही है तब सपा सांसद मोहम्मद आजम खान को पाकिस्तान की याद आ रही है. प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि जौहर विश्वविद्यालय बनवाने के लिए आजम ने रामपुर में गरीब मुसलमानों और दलितों तक को नहीं छोड़ा, उनकी बेशकीमती जमीनें कब्जा कर लीं.


शलभ मणि त्रिपाठी (Shalabh Mani Tripathi) ने कहा कि आजम खान (Azam Khan)ने जो जमीने कब्जा की हैं, उनमें 85 साल की बेवा शहजादी बेगम जैसे लोग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इन पीड़ितों को आज योगी आदित्यनाथ की सरकार की तरफ से हो रही कार्रवाई से इंसाफ मिल रहा है. इसलिए वे सब सरकार की इस कार्रवाई के साथ खड़े हैं. रामपुर में आजम खान के खिलाफ सभी मुकदमे उन गरीब मुस्लिमों ने लिखवाए हैं जिनकी जमीनें कब्जा करने के लिए सपा सरकार में कानून का जम कर दुरूपयोग हुआ और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इसी सामंती मानसिकता के नशे में चुनाव के दौरान आजम जिलाधिकारी से जूते साफ कराने का सपना पाल रहे थे, पर प्रदेश की महान जनता के जनादेश ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.


प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि 85 साल की विधवा शहजादी बेगम और उनके जैसे तमाम लोग आज दाने दाने के मोहताज हैं और उसकी वजह हैं आजम खान. उन्होंने आरोप लगाया कि जौहर विश्वविधालय और अपने स्कूल बनवाने के सामंती नशे में चूर आजम खान ने शहजादी बेगम और उनके जैसे सैकड़ों गरीब मुस्लिमों और दलितों की जमीनें हथिया लीं. इन लोगों ने विरोध किया तो उनके खिलाफ बैल चोरी से लेकर बकरी चोरी जैसे फर्जी मुकदमे लिखवाए गए. उन्हे थानों में प्रताड़ित कराया गया. अदालत से आदेश होने के बावजूद अखिलेश की सरकार में इन पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला. भारतीय जनता पार्टी की सरकार इसी संकल्प के साथ आई थी कि अवैध कब्जे हटाए जाएंगे और भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश की जनता ने इसके लिए जनादेश भी दिया था और सरकार इसी जनादेश के लिए काम कर रही है.


शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और उनके मुखिया अखिलेश यादव में अगर जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें उन गरीब मुस्लिमों और दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए जिनकी जमीनें मोहम्मद आजम खान ने कब्जा कराई थी. आज जब इन गरीबों को इंसाफ मिल रहा है तब आजम खान को पाकिस्तान और मुस्लिमों की याद आ रही है. उन्हें ये जरूर बताना चाहिए कि जिन मुस्लिमों ने उनके खिलाफ जमीन कब्जे के मुकदमे लिखवाए हैं और जिन्हें योगी की सरकार में इंसाफ मिल रहा है वे आखिर मुसलमान नहीं है क्या ?


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