यूपी पुलिस को 37 साल देने के बाद बीमार पत्नी के लिए नहीं मिली एक दिन की छुट्टी, मजबूरन इंस्पेक्टर ने दिया इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एसएसपी कार्यालय में लोक शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी इंस्पेक्टर केके बालियान ने शुक्रवार को नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पारिवारिक कारणों की वजह से एडीजी के सामने पेश होकर कासगंज के लिए ट्रांसफर कराया था। लेकिन उन्हें अभी तक रिलीव नहीं किया गया। ऐसे में मजबूरन इंस्पेक्टर केके बालियान को यह कदम उठाया पड़ा।


इंस्पेक्टर बोले- इस्तीफे के अलावा कोई विकल्प नहीं था

जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बिजनौर निवासी इंस्पेक्टर केके बालियान आगरा में अछनेरा और रकाबगंज थाने में प्रभारी रह चुके हैं। तीन जुलाई 18 से वे लोक शिकायत प्रकोष्ठ प्रभारी पद पर तैनात हैं। इंस्पेक्टर बालियान का परिवार बरेली में रहता है। पत्नी काफी समय से बीमार हैं। एडीजी अजय आनंद ने उनकी परेशानी को देखते हुए अक्टूबर में उनका तबादला कासगंज कर दिया। 22 नवंबर से 14 दिसंबर के दौरान इंस्पेक्टर बालियान एसएसपी के सामने पांच बार पेश हुए। मगर, रिलीव नहीं हो सके।


Also Read: Video: नाराज पत्नी को मनाने गया था सिपाही पति, पत्नी ने कर दी जमकर धुनाई


इंस्पेक्टर ने आहत होकर गुरुवार को वाट्सएप से एसएसपी को अपना इस्तीफा भेज दिया। इसमें बालियान ने अपनी पूरी परेशानी लिखते हुए कहा है कि कई बार पेश होने के बाद भी आपके द्वारा रिलीव नहीं किया गया। ऐसे में मेरे सामने इस्तीफे के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता। ऐच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी जाए या इस्तीफा मंजूर कर लें। इंस्पेक्टर ने अपना यही इस्तीफा शुक्रवार को एसएसपी को ईमेल से भी भेज दिया है।


आगरा एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि ट्रांसफर अनुपात में न होने के कारण रिलीव करने में दिक्कत आ रही है। एक को रिलीव करने में अन्य को भी मना नहीं कर सकते। जल्द ही इस पर पॉलिसी बनाकर निर्णय लेना है।


विभाग में घुटने लगा था दम

सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफा देने वाले इंस्पेक्टर केके बालियान का पुलिस में 37 वर्ष छह माह का अनुभव है। सिपाही से इंस्पेक्टर के पद पर पहुंचने के दौरान पुलिसिंग के कई दौर देखे होंगे। मगर, अब ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने अपने इस्तीफे में विभाग में दम घुटने की बात तक लिख दी? यह बड़ा सवाल है, जिसका जवाब जिम्मेदार अधिकारियों को तलाशना होगा। एसएसपी कार्यालय के लोक शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात इंस्पेक्टर केके बालियान वर्ष 1981 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए।


Also Read: वाराणसी: SHO थाने में उतरवाते हैं महिला सिपाहियों की जैकेट, प्रेग्नेंट कांस्टेबल से कहते, मर जाओ मेरे घर की नहीं हो


1997 में सब इंस्पेक्टर और मार्च 2016 में इंस्पेक्टर बन गए। इसके बाद वे कई थानों में प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। 37 वर्ष छह माह के पुलिस विभाग के कार्यकाल में छुट्टी और ट्रांसफर को लेकर पहले भी समस्या रही होंगी। उनका कहना है कि पत्नी बीमार रहती है। इसीलिए उन्होंने एडीजी अजय आनंद के सामने पेश होकर अपना ट्रांसफर कासगंज में कराया था। वहां से बरेली की दूरी कम है। इसलिए पत्नी की परेशानी में जा सकते हैं। एसएसपी अमित पाठक के सामने पेश होकर उन्होंने यही समस्या बताई थी। मगर, उन्होंने कह दिया कि अब तक किसी को रिलीव नहीं किया है। इसलिए तुम्हें भी रिलीव नहीं किया जा सकता।


Also Read: Video: शराब के नशे में धुत्त सिपाही ने बच्चों के सामने पत्नी से की मारपीट, पीड़िता पत्नी बोली- हर रोज घर लाता है लड़कियां


उधर, पत्नी फोन कर कह रही थीं कि मैं मर जाऊंगी तब आओगे क्या? परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें कोस रहे थे। ऐसे में उन्होंने नौकरी के अंतिम दौर में इतना बड़ा कदम उठा लिया। उनका कहना है कि स्थानांतरण को पॉलिसी है, लेकिन रिलीव करने को अधिकारी पॉलिसी नहीं बना सके। इसके कारण तीन माह से वे अटके हैं। इसमें उनका क्या दोष? अब उनका कहना है कि परिवार उनकी प्राथमिकता है। इस्तीफा मंजूर होने के बाद परिवार को पूरा समय देंगे।


देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करेंआप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )