यूपी: टाइम से ऑफिस नहीं पहुंचते 12 जिलों के पुलिस कप्तान, मामले की हो सकती है जांच

एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों को कार्यालय में मौजूद रहकर पीड़ितों की सुनवाई करने की बात करते हैं। इसको लेकर सीएम योगी कई बार निर्देश दे चुके हैं कि अफसर अपने कार्यालय मे रहकर फरियादियों की सुनवाई करें, लेकिन यूपी पुलिस के आला अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। उन्हें मुख्यमंत्री के निर्देशों से कोई वास्ता नहीं है। इसका खुलासा डीजीपी ओपी सिंह के औचक चेकिंग में हुआ है।

 

मनमुताबिक आते हैं एसपी/एसएसपी अपने कार्यालय

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीजीपी मुख्यालय को कई जिलों में एसपी के अपने कार्यालय में बैठकर फरियादियों की नियमित सुनवाई न करने की शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में पीड़ितों को दूसरे आला अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा था। खबर है कि बहराइच, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ, मऊ, शामली सहित कुछ अन्य जिलों में पीडि़तों की सुनवाई को लेकर शिकायतें आ रही थीं।

 

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ऐसे में जब गुरुवार को डीजीपी ओपी सिंह ने इसकी औचक चेकिंग कराई तो कई जिलों के एसएसपी/एसपी की मनमर्जी का खुलासा हो गया। जानकारी के मुताबिक, डीजीपी की चेकिंग में करीब 12 जिलों के एसपी सुबह दस से एक बजे के बीच कार्यालय में मौजूद नहीं थे। जिसके बाद इन सभी आला अधिकारियों को डीजीपी मुख्यालय स्तर से चेतावनी भी दी गई। साथ ही इन सभी से जवाब भी तलब होगा।

 

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इन जिलों के एसपी देंगे स्पष्टीकरण

सूत्रों ने बताया है कि नवरात्र में मूर्ति विसर्जन के दौरान घटनाओं को लेकर गोंडा व बहराइच के स्पष्टीकरण मांगा गया है। डीजीपी मुख्यालय इसे लेकर गोंडा के एसपी लल्लन सिंह व बहराइच के एसपी सभाराज यादव को नोटिस जारी कर रहा है। वहीं, गुरुवार के औचक चेकिंग में कार्यालय से नदारद रहे अफसरों की समय से ऑफिस नहीं पहुंचने के मामले की भी जांच कराई जाएगी।

 

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