जिनको ‘कितना पढ़े-लिखे हो’ कहकर अखिलेश ने किया जलील, 2008 बैच के पीसीएस टॉपर हैं ADM वैभव मिश्रा, काम में नहीं बरतते कोताही

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित विश्वविद्याल छात्रसंघ के वार्षिक उत्सव समारोह में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को शामिल होने से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने खत लिखकर पहले ही मना कर दिया था। बावजूद इसके अखिलेश यादव ने वहां जाने की ठान ली लेकिन उन्हें अमौसी एयरपोर्ट पर ही लखनऊ एडीएम वैभव मिश्रा ने रोक दिया। इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एडीएम को यह कहते हुए जलील किया कि ‘कितना पढ़े हो’। इस दौरान अखिलेश के सुरक्षाकर्मियों ने एडीएम वैभव मिश्रा से धक्कामुक्की भी की।


2008 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं वैभव मिश्रा

बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपमानित करते हुए यह कहा कि कितना पढ़े हो, वो 2008 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। लखनऊ एडीएम वैभव कृष्णा अपनी ईमानदारी छवि और जनता की मदद के लिए जाने जाते हैं। खास बात ये है कि वैभव मिश्रा अपने काम में कोई कोताही नहीं बरतते। लोगों की मदद करना उनकी आदतों में शुमार है।


एडीएम वैभव मिश्रा

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वैभव मिश्रा प्रतापगढ़ जनपद की पट्टी तहसील क्षेत्र के गजरिया गांव के मूल निवासी हैं। उनके पिता एसपी मिश्रा भारतीय सेना में वॉरंट ऑफिसर के पद पर थे। चार भाई-बहनों में वैभव सबसे छोटे हैं। वह जब पांच साल के ही थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। वैभव मिश्रा ने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गजरिया के ठाकुर श्यामसुंदर सिंह स्कूल और पट्टी के राम राज इंटर कॉलेज से हाई स्कूल किया।


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उन्होंने लालगंज के रामअजोर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह इलाहाबाद पहुंचे। जहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीए और पोस्ट ग्रैजुएशन करने के बाद जेआरएफ की पात्रता हासिल की। इसी बीच वैभव बिना कोचिंग की मदद लिए 2008 पीसीएस बैच के टॉपर बने।


जब खनन माफिया पर कसी नकेल तो हुआ था वैभव मिश्रा पर हमला

अपनी पहली पोस्टिंग से ही बेहद कठोर, ईमानदार और निष्पक्ष रहे वैभव लगातार सत्ता के निशाने पर रहे। 8 बरस की सेवा में वैभव का 16 बार ट्रांसफर किया गया है। अपने तबादलों को लेकर वैभव कहते हैं ” इससे फ़र्क नहीं पड़ता है कि मेरा तबादला कहां होता है। मैं अपना काम पूरी ईमानदारी,निष्ठा और निडरता से करता हूं।” वैभव का मानना है कि कार्यकाल की अवधि से ज़्यादा यह मायने रखता है कि आपने उस अवधि में कैसा काम किया है। वैभव ने अपने हर क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त करने में विशेष भूमिका निभाई है।


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2017 में जब वैभव इलाहाबाद सदर में तैनात थे तब उन्होंने मीरगंज के वेश्यालयों को स्थानांतरित करने में विशेष भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं वैभव ने बालू खनन माफियाओं पर भी नक़ेल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, यही कारण था कि उरई जलौन में एक खनन माफिया ने उन्हें ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास भी किया था।


एडीएम सिटी का जो दायित्व था, उसका निर्वहन किया था…

एडीएम वैभव मिश्रा ने अखिलेश यादव के ‘कितना पढ़े-लिखे’ हो वाले बयान को लेकर कहा, ‘हम प्रशासन के लोग हैं। हम अपने निर्णयों मे दृढ़ होते हैं और व्यवहार से सहज होते हैं। हमें इन बातों से फर्क नहीं पड़ता है कि किसने क्या कहा। वह पूर्व सीएम हैं। उनका एक प्रोटोकॉल है। हमें मूलरूप से इस बात से लेना-देना है कि नहीं जाने देना है तो नहीं जाने देना है। हमने इसी बात की ट्रेनिंग ले रखी है कि कैसे आचरण करना है, कैसे दृढ़ता दिखानी है। एडीएम सिटी एक पद है, जिसका एक दायित्व है, उसका हम निर्वहन कर रहे हैं।’


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