ओम प्रकाश राजभर की बर्खास्तगी के बाद इसलिए बढ़ाया गया अनिल राजभर का कद

उत्‍तर प्रदेश सरकार से सोमवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर को राज्‍य सरकार के अनुरोध के बाद राज्‍यपाल राम नाईक की ओर से बर्खास्‍त कर दिया गया है. उनकी बर्खास्‍तगी के बाद योगी सरकार ने राजभर समाज को साधने के लिए इसी समाज के अनिल राजभर को ओपी राजभर के सारे पदों की अतिरिक्‍त जिम्‍मेदारी सौंपी है. अनिल राजभर के पास अब तक राज्‍यमंत्री स्‍वतंत्र प्रभार का पद था.


राजभर समाज को साधने के लिए भाजपा अपने मंत्री अनिल राजभर को चेहरा बनाए हुए है. बता दें कि ओपी राजभर लगातार भाजपा के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए थे. वहीं, कुछ दिन पहले ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा के नेताओं को मंच से गाली तक दे डाली थी. इसके पहले लोकसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा के खिलाफ 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी भी उतारे थे. उनकी जगह पर राजभर समाज के ही व्यक्ति को पद देकर बीजेपी उस समाज को साधने की कोशिश कर रही है.


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की ओर से सोमवार सुबह ही राज्‍यपाल रामनाईक से ओपी राजभर को बर्खास्‍त करने की मांग की थी. इसके बाद राज्यपाल ने उन्‍हें बर्खास्‍त कर दिया था. ओपी राजभर ने हाल ही में अपने पद से इस्‍तीफा दे देने की भी बात की थी. बीजेपी से उनकी कई महीनों से अनबन चल रही थी.


दरअसल, राजभर पिछले तीन-चार महीने से बीजेपी के लिए सिरदर्द बने हुए थे. लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने के बाद 13 अप्रैल को उन्‍होंने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी के खिलाफ 39 सीटों पर प्रत्याशी भी उतार दिए. इसके बाद लगातार कह रहे थे कि मुख्यमंत्री उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं कर रहे हैं. 19 मई को चुनाव खत्म होने के दूसरे दिन ही मुख्यमंत्री ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश कर दी. साथ ही सुभासपा के 6 सदस्यों को भी हटा दिया गया है, जिन्हें निगमों में नियुक्ति दी गई थी.


Also Read: यूपी: आखिरी 3 महीने में BJP ने तैयार की नयी जमीन, आसान नहीं था जातीय समीकरण साधना


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )