भाजपा नेता का अयोध्या मामले पर सुनवाई का सीधा प्रसारण की मांग

भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गगोई और चार अन्य वरिष्ठतम जजों को पत्र लिखकर अयोध्या मामले पर सुनवाई का सीधा प्रसारण करने की मांग की है. अपने पत्र में उपाध्याय ने पिछले वर्ष सितम्बर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले का हवाला देकर कहा कि कोर्ट ने राष्ट्रीय और संवैधानिक महत्त्व के मामलों का सीधा प्रसारण करने का जो मानक तय किया है, अयोध्या का मामला बिलकुल उसके अनुरूप है, इसलिए इसका सीधा प्रसारण करने के लिए कानून मंत्रालय को आवश्यक निर्देश दिया जाये.

 

उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है कि अयोध्या मामला राष्ट्रीय महत्त्व का है और केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोग भी पूरी सच्चाई जानना चाहते हैं, इसलिए इसका सीधा प्रसारण करना बहुत जरुरी है. उपाध्याय ने कहा कि राम मंदिर मामले पर केवल हिंदू और मुसलमान ही नहीं बल्कि भारत में रह रहे अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस पूरे विवाद का सच जानना चाहते हैं. लोग जानना चाहते हैं कि भगवान राम के पक्ष में क्या-क्या दलीलें दी जा रही हैं और बाबर के पक्ष में लोग क्या बोल रहे हैं.

 

राम मंदिर मामले को संवेदनशील बताते हुए उपाध्याय ने कहा कि समाचार चैनलों पर बहस के दौरान कई बार देखा गया है कि अदालत की कार्यवाही के बारे में राजनीतिक लोग अपने-अपने तरीके से व्याख्या करते हैं और इस मामले की गलत व्याख्या से समाज में तनाव पैदा हो सकता है, इसलिए भी इस मामले का सीधा प्रसारण जरुरी है. उपाध्याय ने सुझाव दिया कि यदि इतने कम समय में राज्यसभा और लोकसभा की तरह सुप्रीम कोर्ट का अपना चैनल शुरू नहीं हो सकता है तो अयोध्या मामले पर सीधा प्रसारण की जिम्मेदारी दूरदर्शन को दिया जाये और अन्य समाचार चैनलों को भी दूरदर्शन के माध्यम से सीधा प्रसारण करने की अनुमति दिया जाये.

 

बता दें कि अश्विनी उपाध्याय ने समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान नागरिक संहिता, तीन तलाक, बहुविवाह, हलाला, मुताह, शरिया अदालत, आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370, जनसंख्या नियंत्रण तथा चुनाव सुधार, प्रशासनिक सुधार, पुलिस सुधार, न्यायिक सुधार और शिक्षा सुधार पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में 50 से अधिक जनहित याचिकाएं दाखिल की हैं. इन्हें भारत का ‘पीआईएल मैन’ भी कहा जाता है.

 

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