अश्विनी उपाध्याय ने न्यायपालिका के साथ खड़े होने का किया आह्वाहन, CJI पर लगे आरोपों को बताया साजिश

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष बेंच में सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस गोगोई ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि इसके पीछे कोई बड़ी ताकत होगी, वे सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं. गोगोई पर लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने न्यायपालिका के साथ खड़े होने का किया आह्वाहन किया है. उन्होंने चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों को साजिश करार दिया है.


अश्विनी उपाध्याय ने चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि पिछले साल जस्टिस दीपक मिश्रा को कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करनी थी उससे पहले महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया था, महाभियोग क्यों लाया गया था और लाने वाला कौन था ये आप जानते ही हैं. उसी तरह अब जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करनी है. उसमें एक कोर्ट की अवमानना का मामला है. तीन बड़े नेताओं के भ्रष्टाचार का मामला है. तब ये एक आरोप शुरू किया गया है.


अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यहां देखने वाली बात यह है कि इसे पब्लिश किन वेबसाइट ने किया है. ये वही वेबसाइट हैं जो लगातार एक एजेंडे पर काम करती हैं. इन वेबसाइट चलाने वालों का बैकग्राउंड आप जानते हैं, इनका किससे प्यार है और किससे दुश्मनी ये किसी से छिपा नहीं है. एक राजनीतिक परिवार के लिए वो काम करते हैं ये भी आप जानते हो, आप लोग इसे अच्छी तरह से समझिये चीफ जस्टिस को बदनाम करने और उन मामलों से अलग होने के लिए की गयीं हैं. एक पार्टी के अध्यक्ष की सुनवाई का मामला मंगलवार को ही है. आप उन लोगों के एजेंडा को समझिये जो अपने राजनीतिक फायदे के लिए पूरी की पूरी न्यायपालिका को बदनाम करना चाहते हैं. ऐसे में इस समय हम सभी को न्यायपालिका के साथ खड़े होने की जरुरत है.


रंजन गोगोई ने दिए कई अहम फैसले

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कई अहम फैसले दे चुके हैं. चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्योरा देने के लिए आदेश देने वाली पीठ में रंजन गोगोई भी शामिल थे. मई 2016 में जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस पीसी पंत की पीठ ने मुंबई हाईकोर्ट के 2012 के उस ऑर्डर को निरस्त कर दिया था, जिसमें कौन बनेगा करोड़पति शो से अमिताभ की कमाई के असेसमेंट पर रोक लगाई गई थी. दरअसल इनकम टैक्स विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर आरोप लगाया था कि 2002-03 के दौरान हुई कमाई पर अमिताभ ने 1.66 करोड़ रुपये कम टैक्स चुकाया था. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में अयोध्या जमीन विवाद पर मध्यस्थता समेत कई बड़े फैसले सुनाये हैं.



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