भ्रष्टाचार और जनसंख्या नियंत्रण तथा संविधान को शत-प्रतिशत लागू किये बिना रामराज्य असंभव है

भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने देश में फैले भ्रष्टाचार तथा तेजी से बढ़ती जनसँख्या पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है. अपने इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रहित से जुड़े 25 बिन्दुओं पर अमित शाह से उनकी राय सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है. अश्विनी उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा..

 

आप तो जानते हैं कि वोटबैंक राजनीति के कारण 25% भारतीय संविधान आजतक लागू नहीं किया गया. अटल जी द्वारा बनाये गये संविधान समीक्षा आयोग (जस्टिस वेंकटचलैया आयोग) के 80% सुझावों को भी जानबूझकर छोड़ दिया गया. आप यह भी जानते हैं देश का एक भी जिला, तहसील, थाना या सरकारी विभाग भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हैं और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त किये बिना तथा भारतीय संविधान और वेंकटचलैया आयोग के सुझावों को शत-प्रतिशत लागू किये बिना रामराज्य अर्थात स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, साक्षर भारत, समृद्ध भारत, सबल भारत, सुरक्षित भारत, समावेशी भारत, स्वावलंबी भारत, स्वाभिमानी भारत, संवेदनशील भारत तथा अपराध-मुक्त भारत का सपना साकार नहीं होगा, इसलिए आपसे विनम्र निवेदन है कि देशहित और जनहित में निम्नलिखित विषयों पर अपनी स्पस्ट राय सार्वजनिक करें इससे वर्तमान समय में निराश और नाराज राष्ट्रवादियों के अंदर जोश आयेगा और वे 2014 की भांति पूरी ताकत के साथ 2019 के चुनाव की तैयारी में लग जायेंगे.

 

1. भारत की 50% समस्याओं का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है I क्या आप सहमत हैं कि जनसँख्या नियंत्रण के लिए जस्टिस वेंकटचलैया आयोग का सुझाव तत्काल लागू करना चाहिये?

 

2. श्यामा प्रसाद जी का सपना था – “एक देश, एक विधान और एक संविधान” लेकिन आजतक आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370 और कश्मीर के अलग संविधान को समाप्त नहीं किया गया. क्या आप सहमत हैं कि श्यामा प्रसाद जी का सपना तत्काल साकार करना चाहिए?

 

3. सरदार पटेल का सपना था – “एक देश, एक नाम और एक निशान” लेकिन आज भी हमारे देश का दो नाम (भारत और इंडिया), दो निशान (तिरंगा और कश्मीर का झंडा) जारी है I क्या आप सहमत हैं कि सरदार पटेल का सपना तत्काल साकार करना चाहिए?

 

4. लोहिया जी कहते थे कि समान शिक्षा (समान पाठ्यक्रम) लागू किये बिना सबको समान अवसर उपलब्ध कराना नामुमकिन है. क्या आप सहमत हैं कि लोहिया जी का सपना साकार करने के लिए “एक देश-एक कर” की तरह पूरे देश में “एक देश-एक शिक्षा बोर्ड” लागू करना चाहिये?

 

5. क्या आप सहमत हैं कि देश की एकता-अखंडता और आपसी भाईचारा को मजबूत करने तथा किसान-मजदूर के गरीब बच्चों को सरकारी नौकरियों में समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए देश के प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष एक केंद्रीय विद्यालय खोलना चाहिए?

 

6. बाबा साहब अंबेडकर देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता चाहते थे और संविधान का आर्टिकल 44 भी यही कहता है. क्या आप सहमत हैं कि धर्म के आधार पर बने कानूनों को समाप्त कर बाबासाहब का समान नागरिक संहिता का सपना तत्काल साकार करना चाहिए?

 

7. धर्म के आधार पर देश का बंटवारा पहले हो चुका है. संविधान या कानून में अल्पसंख्यक की परिभाषा नहीं है इसीलिए लक्षदीप के 96% मुसलमान अल्पसंख्यक और मिजोरम के 2% हिंदू बहुसंख्यक कहलाते हैं. क्या आप सहमत हैं कि धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक विभाजन समाप्त करने के लिए संविधान में तत्काल संशोधन करना चाहिए?

 

8. शराब-मुक्त भारत और नशा-मुक्त भारत गांधी जी का सपना था. संविधान का आर्टिकल 47 भी यही कहता है. शराब और नशे के कारण लाखों गरीब परिवार बर्बाद हो चुके हैं, युवाओं पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है और हमारी भारतीय संस्कृति नष्ट हो रही है. क्या आप सहमत हैं कि शराब और नशे के कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर गांधी जी का सपना साकार करना चाहिए?

9. देश की एकता- अखंडता और आपसी भाईचारा मजबूत करने के लिए नागरिकों को अपने मौलिक कर्तव्य (आर्टिकल 51A) ज्ञान होना बहुत जरुरी है. क्या आप सहमत हैं कि मौलिक कर्तव्य के प्रचार- प्रसार के लिए जस्टिस वेंकटचलैया आयोग का सुझाव तत्काल लागू करना चाहिए?

 

10. वर्तमान समय में निचली अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए राज्य स्तर पर परीक्षा का आयोजन होता है लेकिन इसके कारण देश में जजों की क्षमता और गुणवत्ता अलग-2 होती है और न्यायिक फैसले में अंतर होता है. क्या आप सहमत हैं कि जजों की नियुक्ति के लिए आर्टिकल 312 के अनुसार IAS की तर्ज  पर भारतीय न्यायिक सेवा (IJS) शुरू करना चाहिए?

 

11. संविधान के आर्टिकल 343 के अनुसार हिंदी भारत की राजभाषा है इसलिए सांसदों और सरकारी कर्मचारियों को हिंदी का मौलिक ज्ञान जरुर होना चाहिए. क्या आप सहमत हैं कि सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी का एक प्रश्नपत्र अनिवार्य होना चाहिए?

 

12. आजादी के 70 साल बाद भी सुप्रीम कोर्ट का सभी कार्य अंग्रेजी भाषा में ही होता है जबकि 90% भारतीय हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं. क्या आप सहमत हैं कि आर्टिकल 348 के अनुसार एक कानून बनाकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हिंदी भाषा भी लागू करना चाहिए?

 

13. संविधान के आर्टिकल 351 के अनुसार हिंदी और संस्कृत का प्रचार-प्रसार करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. क्या आप सहमत हैं कि शिक्षा अधिकार कानून में संशोधन कर 6-14 साल के सभी बच्चों के लिए हिंदी और संस्कृत विषय का पठन- पाठन अनिवार्य करना चाहिये?

 

14. संविधान सभा के 24.1.1950 के प्रस्ताव के अनुसार “जन-गन-मन” और “वंदेमातरम” भारत का राष्ट्रगान है और यह एक गलत धारणा है कि “वंदेमातरम” हमारा राष्ट्रगीत है. क्या आप सहमत हैं कि कानून में संशोधन कर इन दोनों में से किसी एक को “राष्ट्रगान” और दूसरे को “राष्ट्रगीत” घोषित करना चाहिये?

 

15. अंग्रेजों द्वारा 1860 में बनाई गयी भारतीय दंड संहिता, 1861 में बनाया गया पुलिस एक्ट, 1872 में बनाया गया एविडेंस एक्ट और कई अन्य कानून आजतक लागू हैं इसीलिए लोगों को बहुत देर से न्याय मिल रहा है. क्या आप सहमत हैं कि अंग्रेजों द्वारा बनाये गए सभी कानूनों को समाप्त करना चाहिए और 25 साल से अधिक पुराने सभी कानूनों की समीक्षा करना चाहिये?

 

16. क्या आप सहमत हैं कि अलगाववादियों, चरमपंथियों, नक्सलियों और पत्थरबाजों की 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने के लिए वर्तमान संसद सत्र में ही चीन की तर्ज पर कठोर और प्रभावी कानून बनाना चाहिए ?

 

17. क्या आप सहमत हैं कि रोहिंग्या और बंगलादेशी घुसपैठियों की 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने के लिए तत्काल एक केंद्रीय कानून बनाना चाहिए?

 

18. क्या आप सहमत हैं कि असम की तरह पूरे देश में रोहिंग्या और बंगलादेशी घुसपैठियों की पहचान करना चाहिए और उन्हें वापस स्वदेश भेजने तक जेल में रखना चाहिए?

 

19. क्या आप सहमत हैं कि अंधविश्वास और कालाजादू फ़ैलाने वालों की 100% संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास की सजा देने के लिए तत्काल एक केकानून बनाना चाहिए?

 

20. क्या आप सहमत हैं कि अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वालों की 100% संपत्ति जब्त करने और आजीवन कारावास की सजा देने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाना चाहिए?

 

21. क्या आप सहमत हैं कि अलगाववाद को जड़ से समाप्त करने के लिए 100 रुपये से बड़े नोट तथा 10 हजार रुपये से महँगी वस्तुओं के कैश लेन -देन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए?

 

22. क्या आप सहमत हैं कि भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए एक लाख रूपये से महंगी वस्तुओं और संपत्तियों को आधार से लिंक करना चाहिए तथा बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति के मालिकों की 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने के लिए वर्तमान संसद सत्र में ही कानून में आवश्यक संशोधन करना चाहिए ?

 

23. क्या आप सहमत हैं कि घूसखोरों, जमाखोरों, मिलावटखोरों, नशे के सौदागरों, मानव तस्करों तथा हवाला कारोबारियों की 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने के लिए संबंधित कानूनों में तत्काल संशोधन करना चाहिए?

 

24. क्या आप सहमत हैं कि सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के लिए कानून में संशोधन करना चाहिए?

 

25. क्या आप सहमत हैं कि पार्षद, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और अधिकतम आयु सीमा का निर्धारण होना चाहिए?

आशा करता हूँ कि राष्ट्रवाद से संबंधित उपरोक्त सभी विषयों पर देशहित और जनहित में आप अपनी स्पष्ट राय जरुर सार्वजनिक करेंगे.

 

बता दें कि अश्विनी उपाध्याय ने समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान नागरिक संहिता, तीन तलाक, बहुविवाह, हलाला, मुताह, शरिया अदालत, आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370, जनसंख्या नियंत्रण तथा चुनाव सुधार, प्रशासनिक सुधार, पुलिस सुधार, न्यायिक सुधार और शिक्षा सुधार पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में 50 से अधिक जनहित याचिकाएं दाखिल की हैं. इन्हें भारत का ‘पीआईएल मैन’ भी कहा जाता है.

 

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