योगी सरकार के गोवंश सेस पर मायावती बोलीं- ऐसे ही गो संरक्षण हो सकता है तो केंद्र बनाए राष्ट्रीय कानून

पीएम मोदी के नए साल पर न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने जबरदस्त हमला बोला है. बुधवार को स्टेटमेंट जारी कर बसपा चीफ ने कहा कि भाजपा अभी भी यही मानकर चल रही है कि उसका बहुमत का अहंकार उचित व हर प्रकार से सही है तथा उसके द्वारा लिए गये हर फैसले पर लोग खुश हैं व तालियाँ बजा रहे हैं. उसे लग रहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा की सरकार चली गयी है तो क्या हुआ, वोट प्रतिशत के मामले में भाजपा वास्तव में कांग्रेस के लगभग बराबर ही रही है.

 

बसपा चीफ ने कहा  कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की इस प्रकार की हठीली व जनविरोधी सोच यह साबित करती है कि उसका अहंकार अभी भी कायम है जो लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ही जायेगा. बसपा प्रमुख ने कहा ‘राजग से धीरे-धीरे करके सारे प्रमुख घटक दलों के अलग हो जाने के बाद, शेष रह गए दल इनके संकीर्ण व अहंकारी रवैये से दुःखी हैं”.

 

मायावती ने कहा कि घोर चुनावी वादाखिलाफी जैसे कालाधन की वापसी व उसका गरीबों में 15 से 20 लाख रुपये का वितरण, गरीबी, महँगाई, बेरोजगारी की ज्वलन्त समस्या के साथ-साथ भीड़ हिंसा, अयोध्या व गौरक्षा आदि मामलों में भाजपा का संकीर्ण व गलत रवैया अभी भी नहीं बदला है.

 

वहीं योगी सरकार द्वारा गोवंश के संरक्षण के लिए आबकारी उत्पादों पर सेस लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी और संघ की इस तरह की सोच से ही गोवंश का संरक्षण हो सकता है तो केंद्र को इस दिशा में एक राष्ट्रीय कानून बनाकर इस समस्या का समाधान कर देना चाहिए. बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सीएम योगी के मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया था कि यूपी सरकार हर ग्राम पंचायत में कम से कम 1000 क्षमता वाले गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराएगी. इन आश्रय स्थलों में रहने वाले मवेशियों के रख-रखाव के खर्च के लिए शराब पर दो प्रतिशत और यूपीडा के टोल टैक्स पर 0.5 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा.

 

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