झकझोर देगी राहुल के नाम मनोहर पर्रिकर की यह चिट्ठी, ‘हालचाल लेने के बहाने निम्न स्तर की राजनीति से आहत हूं’

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर इन दिनों बीमार चल रहे हैं. कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रहे पर्रिकर बीमारी की वजह से बेहद कमजोर नजर आ रहे हैं, लेकिन बीमारी के बावजूद वह अपने काम से पीछे नहीं हट रहे हैं. और अब पर्रिकर की एक चिट्ठी ने देश की राजनीती का वह स्तर दिखाया है, जिसे देखकर हर कोई स्तब्ध है.


सीएम पर्रिकर से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने दावा किया था कि पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को राफेल की नई डील के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन पर्रिकर ने राहुल के इन दावों को झूठा करार दिया है. उन्होंने बुधवार को राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी को पढ़कर आप भी भावुक हो जाएंगे.


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पढ़ें, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर की चिट्ठी:-


प्रिय श्री राहुल गांधी,


कल यानी 29 जवनरी 2019 को बिना किसी पूर्व सूचना के आप मेरे स्वास्थ्य का हाल पूछने मेरे यहां आए थे. दलगत भावना से ऊपर उठकर एक अस्वस्थ व्यक्ति का हाल जानना एवं उसके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करना, राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन की अच्छी परंपरा है. अत: मुझे भी आपका मेरा हाल जानने के लिए कार्यालय आना अच्छा लगा. आपके आने पर मैंने आपका स्वागत मेरे स्वास्थ्य एवं बीमारी के प्रति आपकी अच्छी भावना के संदर्भ में किया.


लेकिन आज सुबह समाचपत्रों में जिस ढंग से आपके ‘विजिट’ को लेकर बयान प्रकाशित हुए हैं, उन्हें पढ़कर मुझे आश्चर्य भी हुआ और मैं आहत भी हूं. आपको कोट करते हुए समाचर पत्रों में प्रकाशित है कि आपने कहा है कि ‘बातचीत में मैंने आपको बताया है कि राफेल प्रॉसेस में मैं कहीं नहीं था या मुझे कोई जानकारी नहीं थी.’


आपसे 5 मिनट की हमारी भेंट में ना तो ‘राफेल’ का जिक्र हुआ और ना ही मैंने राफेल संबंधी कोई चर्चा की. इस तरह की कोई बात मेरी और आपके बीच न तो हाल की मीटिंग में हुई थी और न ही पहले कभी हुई.


मैंने पहले भी कई बार स्पष्ट किया है और इस पत्र के माध्यम से फिर कह रहा हूं कि राफेल सौदा इंटर गवर्नमेंट एग्रिमेंट (IGA) और डिफेंस प्रोक्यूअरमेंट प्रॉसिजर के नियमों के तहत हुआ है. इसमें दूर-दूर तक कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. यह पूरी खरीद प्रक्रिया राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकताओं के आधार पर तय नियामकों के तहत हुई है.


जैसा कि सभी जानते हैं, इन दिनों मैं बीमारी में अपने जीवन के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हूं. फिर भी अपने पूर्व के अनुशासनपूर्ण जीवन एवं वैचारिक शक्ति के माध्यम से गोवा की जनता की सेवा में निरंतर लगा हूं और लगा रहूंगा. मैंने सोचा था कि आपका आना और आपकी शुभकामनाएं मेरे लिए इस प्रतिकूल स्थिति में संबल प्रदान करेंगी, लेकिन मैं नहीं समझ सका कि आपके आने का वास्तविक इरादा ये था.


घोर निराशा के साथ मुझे आपको लिखना पड़ रहा है कि आप सच को स्वीकारिए और सामने लाइए. साथ ही ये निवेदन भी करूंगा किसी बीमार और अस्वस्थ व्यक्ति को अवसरवादी राजनीति का शिकार बनाने की नीयत मत रखिए. मैं सदैव गोवा की जनता की सेवा में तत्पर हूं.


सादर


मनोहर पर्रिकर



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