मायावती का बीजेपी अध्यक्ष पर हमला, कहा- सबरीमाला मुद्दे पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं शाह

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सबरीमाला मंदिर को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अमित शाह के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए। उनका कहना है कि बीजेपी नेता मंदिरों के मामले में काफी उत्तेजक भाषणबाजी करके राजनीतिक रोटी सेंकने के प्रयास में है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब भी इनको मौका मिलता है तो ये संवेदनशील मामले को और बढ़ाने के प्रयास में लग जाते हैं।

 

अमित शाह का बयान दिखला रहा कि लोकतंत्र खतरे में है..

मायावती ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष का सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने का बयान बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि उनके बयान पर सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। मायावती ने कहा कि केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का सार्वजनिक रूप तौर पर दिया गया बयान दिखला रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है।

 

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मायावती का यहां तक कहना है कि सीबीआई, सीवीसी और ईडी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक जैसी देश की महत्वपूर्ण स्वायत्तशासी संस्थाओं में जो गंभीर संकट व क्राइसिस का दौर चल रहा है वह इसी प्रकार के गलत सरकारी नजरिये व अहंकार का ही नतीजा है।बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश में सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ ही देश के 125 करोड़ लोग इस पवित्र सिद्धान्त पर एकमत है कि देश संविधान से चलता है और इसी आधार पर आगे भी चलता रहेगा।

 

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उन्होंने कहा कि लेकिन बीजेपी नेता मंदिरों के मामले में उत्तेजक भाषणबाजी करके राजनीतिक रोटी सेंकने के प्रयास में है। मायावती ने कहा कि बीजेपी को जब मौका मिलता है, तो ये संवेदनशील मामले को और बढ़ाने के प्रयास में रहते हैं।

 

क्या बोले थे बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष?

बता दें कि अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर बरसते हुए कहा कि वह सबरीमाला मुद्दे के साथ खिलवाड़ न करें। उन्होंने कहा कि अगर वह आस्था के मुद्दे को छेडऩे की कोशिश करेंगे तो फिर भाजपा केरल सरकार को उखाड़ फेंकने में संकोच नहीं करेगी।

 

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यहां पर सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी आलोचना करते हुए कहा कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ हों और जिन्हें लागू न किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा आदेश नहीं दे सकता, जिसका पालन नहीं किया जा सके।

 

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