कालिया’ मुर्गे ने ‘सुंदरी’ मुर्गी के साथ लिए सात फेरे, पूरे गांव के आशीर्वाद से विवाह हुआ संपन्न

इन दिनों देशभर में  शादियों का सीजन चल रहा है. ऐसे में देश के छत्तीसगढ़ राज्य में भी एक अनोखी शादी देखने को मिली. जिसमें सारे रस्मों-रिवाज के साथ एक मुर्गे और मुर्गी का विवाह हुआ. मुर्गे-मुर्गी की यह अनूठी शादी चर्चा का विषय बन गई है. दरअसल दंतेवाड़ा में कड़कनाथ मुर्गा-मुर्गी का एक अनोखा विवाह हुआ. जिसमें घराती और बाराती सभी मौजूद रहे. बैंड-बाजा, हल्दी रस्म, मंडपाच्छादन, संगीत, बारात, फेरे से लेकर विदाई तक की तमाम रस्में भी हुई जो एक वर-वधु की शादी के समय होती हैं.


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कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति बढ़ाने के लिए कराई शादी


आपको बता दे कि दूल्हे मुर्गे का नाम ‘कालिया’ और दुल्हन मुर्गी का नाम ‘सुंदरी’ है. शादी के दौरान ‘कालिया’ और ‘सुंदरी’ को लाल चुनरी में सजाया गया. सारे रस्मों-रिवाज को पूरा करते हुई इनकी शादी हुई. स्थानीय निवासियों का कहना है कि ‘कालिया’ और ‘सुंदरी’ कड़कनाथ प्रजाति के हैं. इस प्रजाति की कई खासियत है और उनकी खासियत और प्रजाति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही इस अनूठी शादी का आयोजन किया गया. दरअसल, कड़कनाथ मुर्गा की प्रजाति को प्रमोट करने कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन में इस प्रजाति के मुर्गा पालकों ने यह पूरा आयोजन किया. इसमें स्वसहायता समूह की महिलाएं, कड़कनाथ पालन करने वाले किसान व ग्रामीण भी शामिल हुए थे. इसके लिए विशेष मुहूर्त भी देखा गया था. इस अनोखी शादी की क्षेत्र में बहुत चर्चा हो रही है.


मुर्गी के लगी हल्दी, बारात ले कर आया मुर्गा, सात फेरों संग पूरे गांव का मिला आशीर्वाद

दंतेवाड़ा में बदलाव लाएगा ये विवाह


इससे पहले दंतेवाड़ा के हीरानार से ‘कालिया’ कड़कनाथ मुर्गा अपने परिजन के साथ ‘सुंदरी’ मुर्गी को देखने और सगाई पक्की करने के लिए कासोली भी गया था. सुंदरी के परिजन ने कालिया और उसके परिवार का स्वागत किया. दोनों पक्ष आमने-सामने बैठे कर शादी के बारे में चर्चा भी की थी. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ. नारायण साहू ने बताया कि सामाजिक कार्यक्रम ही ऐसे माध्यम होते हैं जो सभी को एकदूजे से बांधे रखते हैं. सगाई की रस्मों में केंद्र की योजनाओं का जिक्र है यह सिर्फ इसलिए कि लोग इन योजनाओं के प्रति जागरूक हो सकें. कड़कनाथ का यह अनूठा विवाह दंतेवाड़ा में जरूर बदलाव लाएगा.


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