भैंस चोरी मामला: पंचायत ने सुनाया तुगलकी फरमान, बंद कर दिया दलित परिवार का दाना-पानी

यूपी के सीतापुर जिले में भैंस चोरी के मामले में पंचायत के तुगलकी फरमान से एक दलित परिवार का गांव में रहना दूभर हो गया है. इस मामले में देव स्थान पर कसम खिलाने से शुरू हुए पंचायती फैसले में दलित परिवार का दाना-पानी बंद करने, 1 लाख जुर्माना व 7 जवार (गांव-बिरादरी) को खाना खिलाने का फरमान सुनाया गया है. पंचायत की ओर से इस फरमान की बकायदा चिट्ठी जारी की गई है. पंचायत का फरमान सुनकर दलित परिवार काफी परेशानी में है कि वह आखिर करे तो क्या करे. उधर मामले से अनभिज्ञता जताते हुए प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात कह रहा है.


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ये है चोरी का पूरा मामला


पूरा मामला सीतापुर जिले के तहसील अंतर्गत सदरपुर थानाक्षेत्र के पोखराकला गांव का है. इस गांव के रहने वाले दलित व्यक्ति प्रेम भार्गव ने बताया कि 6 दिसंबर, 2018 की रात उसके दो भैंसे घर के दरवाजे से चोरी हो गई थी और घटना की तहरीर 7 दिसंबर को सदरपुर थाने में भी दी थी. कुछ दिन बाद प्रेम भार्गव को गांव के कुछ लोगों पर शक हुआ तो पंचायत को इसकी जानकारी दी. पंचायत में यह तय किया गया कि आरोपी गांव के ब्रह्मचारी बाबा के पवित्र स्थान पर चोरी न करने की कसम खाए. अगर उन्होंने चोरी की होगी तो 7 दिनों में उनके साथ कुछ बुरा होगा और यदि नहीं की होगी तो सब सामान्य रहेगा. कसम खाने के 7 दिन बाद जब आरोपियों के साथ कुछ बुरा नहीं हुआ तो पंचायत ने मान लिया कि प्रेम भार्गव ने झूठा आरोप लगाया था. लिहाजा पंचायत ने दलित व्यक्ति प्रेम भार्गव और उसके परिवार का दाना-पानी बंद करते हुए 1 लाख के जुर्माने तथा 7 जवार (गांव व बिरादरी) को खाना खिलाने का फरमान सुना दिया.


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चिट्ठी लिखकर दिया फरमान


पंचायत द्वारा यह फरमान बकायदा चिट्ठी लिखकर जारी किया गया है. सीतापुर के अलावा आसपास के कई जिलों में बिरादरी तक यह चिट्ठी पहुंचाई गई है. चिट्ठीमें यह अपील की गई कि ये पत्र मिलने पर बिरादरी एक दूसरे को बताए कि दलित व्यक्ति प्रेम भार्गव का समाज से बहिष्कार किया गया है और 7 जवार से इनका दाना-पानी बंद कर दिया गया है. चिट्ठी में दलित समाज के रावत नेकराम आंबा, राम खेलावन रायपुर, लाल बहादुर कोठिला, मैकूलाल, बिशम्भर, देवाराम बनबीरपुर आदि के हस्ताक्षर भी हैं. पंचायत के इस तुगलकी फरमान से प्रेम भार्गव के होश उड़ गए उसके मुताबिक वह अपनी जमीन भी बेच दे तो जुर्माना अदा नहीं कर सकता है.


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आज के दौर में पंचायत सुना रही दंडवत फरमान, जांच के बाद होगी कार्रवाई


सीतापुर जिले के पोखराकला गांव की एक अलग पहचान है. इस गांव से वर्तमान समय में 2 विधायक हैं. इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री व महमूदाबाद के सपा विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा व बाराबंकी के फतेहपुर से भाजपा विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा शामिल हैं. इसके अलावा सीतापुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष महेंद्र सिंह वर्मा और पूर्व विधायक डॉ. राम नारायण वर्मा भी इसी गांव के रहने वाले हैं. सवाल उठना लाजिमी है कि 4-4 जनप्रतिनिधियों वाले इस गांव में पंचायत का यह दंडवत फरमान आज के दौर में भी सुनाया जा रहा है. इस तरह के किसी मामले की जानकारी नहीं है. इसकी जांच कराई जाएगी. यदि ऐसा किया गया है तो फरमान सुनाने वाले पंचायत के कथित पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.


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