यूपी में खसरा-रूबेला की रोकथाम के लिए योगी सरकार पूरे जोर से लगी हुई है. जिला प्रशासन भी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है. विशेष कैंप लगाने के साथ स्कूलों में अभियान भी चल रहे हैं, वहीँ कुछ मदरसा संचालक अभियान में रोड़ा बने खड़े हैं. वैक्सीन देने पहुंची डॉक्टरों की टीम को बैरंग लौटाया जा रहा है.
अब तक मेरठ में ही 35 मदरसों में अभिभावकों और मदरसा संचालकों ने वैक्सीन लगवाने से साफ इन्कार कर दिया है. जाहिर है कि हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर है लेकिन जब तालीम के इदारों में ही जागरूकता की तख्ती कोरी है तो गैर तालीमयाफ्ता या कम पढ़े लिखे लोगों से भला क्या उम्मीद की जा सकती है.
टीकाकरण के बाद बच्चे नहीं पैदा कर पाएंगे
मेरठ में 272 मदरसे हैं. इन मदरसों में से 70 ने स्वास्थ्य विभाग को अपने मदरसों में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है. मेरठ के जिला टीकाकरण अधिकारी विश्वास चौधरी ने बताया कि इलाके में वॉट्सऐप मैसेज के जरिए अफवाह फैल गई थी. इस मैसेज में लिखा था कि मीजल्स (खसरा) रूबेला का टीकाकरण करवाने से लड़के नपुसंक हो जाएंगे और बच्चे नहीं पैदा कर पायेंगे. मैसेज में लिखा था कि मुस्लिमों को नपुसंक बनाने के लिए योगी सरकार उनके बच्चों को टीका लगवा रही है.
कुछ मदरसों में तो छात्रों से कहा गया कि वे टीकाकरण वाले दिन अपने घर में ही रहें. बिजनौर और मुरादाबाद के मदरसों ने भी टीकाकरण करवाने से इनकार किया है. मदरसों में फैली अफवाह से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मौलानाओं से मदद लेने का फैसला लिया है.
मोदी-योगी की साजिश है
टीकाकरण का विरोध करने वाले अभिभावकों से जब इस बारे में पूछा गया तो कुछ ने बच्चों की तबीयत बिगड़ने की बात कही तो कोई व्यवस्था पर ही सशंकित दिखा. कुछ ने तो यहां तक कहा कि वैक्सीन के नाम पर यह मोदी-योगी की साजिश है. भाजपा वाले हमारे बच्चों की नस्ल खराब करने पर तुले हैं, वे चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपने बच्चे न पैदा कर पायें, हम ये नहीं होने देंगे.
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