सुप्रीम कोर्ट से मिली मुलायम सिंह को राहत, खारिज हुई कार सेवकों पर गोली चलवाने पर FIR की याचिका

जब 2 नवंबर 1990 को शुक्रवार के दिन अयोध्या में लाखों कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हुई थी, तब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोली चलाने का आदेश दे दिया था। इस दौरान कई कारसेवकों की जान चली गई थी। इतिहास के पन्नों में इस अयोध्या गोलीकांड के नाम से जाना जाता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सपा मुखिया को राहत देते हुए उनके खिलाफ एफआईआर की याचिका खारिज कर दी है।

 

मुलायम सिंह ने अपने आदेश पर जताया दुख

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। जानकारी के मुताबिक, इस याचिका में कहा गया है कि 1990 में मुलायम सिंह यादव ने राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले कार सेवकों पर गोली चलाने के आदेश दिए थे।

 

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वहीं, मुलायम सिंह ने फायरिंग का आदेश देने के 23 साल बाद कहा कि उन्हें अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने का दुख है। बता दें कि उस समय मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मुलायम ने कहा था कि उस समय मेरे सामने मंदिर-मस्जिद औ देश की एकता का सवाल था, भाजपा वालों ने अयोध्या में 11 लाख की भीड़ कारसेवा के नाम पर लाकर खड़ी कर दी थी।

 

देश की एकता के लिए चलवाई थी गोली

मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि मुझे देश की एकता के लिए अयोध्या में गोली चलवानी पड़ी थी, अगर गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश से विश्वास उठ जाता। उन्होंने कहा कि गोली चलने का अफसोस है लेकिन देश की एकता के लिए 16 की जगह 30 जानें भी जातीं तो भी पीछे नहीं हटते।

 

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मुलायम सिहं यादव ने 24 जनवरी, 2016 काे एक बयान में कहा था कि अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। इसका अफसोस है लेकिन धर्मस्थल को बचाना जरूरी था। इसलिए गोली चलवाई थी।

 

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