शिक्षण संस्थानों तक पहुँच चुकी हैं जिहादी आतंक की जड़ें, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा: प्रशांत पटेल

आम आदमी पार्टी के विधायकों की लाभ के पद मामले में सदस्यता रद्द कराने वाले और सुप्रीम कोर्ट के मशहूर वकील प्रशांत पटेल ने हाल ही में एनआईए द्वारा छापेमारी में आतंक के माड्यूल पर हुए खुलासे पर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने शिक्षण संस्थानों में निकल रहीं आतंक की जड़ो को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताया है.

 

प्रशांत पटेल ने ट्विटर पर लिखा कि “एमिटी का सिविल इंजीनियरिंग छात्र ISIS आतंकी अनस यूनुस हो या शारदा यूनिवर्सिटी का आतंकी बिलाल, DU का जुबेर मालिक हो या AMU का मन्नान वानी. पुष्ट सूचना के अनुसार, जिहादी आतंक की जड़ें अब शिक्षण संस्थानों में गहराई तक हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा. कुरान with कम्प्यूटर- उद्देश्य एक”

 

https://twitter.com/ippatel/status/1078599171811229696

 

वैसे अगर देश में आतंक के इतिहास पर नजर डालें तो प्रशांत पटेल की चिंता जायज है. हाल फिलहाल में जितने भी मामले आये हैं उनसे यह स्पष्ट होता है कि आतंकी संगठन पढ़े लिखे मुस्लिम नौजवानों का ब्रेनवाश करके उन्हें आतंक की राह पर ढकेल रहे हैं. देश के ही मुस्लिम युवाओं द्वारा माड्यूल बनाकर बड़े नेताओं और संस्थानों को निशाना बनाए जाने की साजिश रचना भी चिन्ता का विषय है. देश के मुस्लिम युवाओं द्वारा आतंक की राह पकड़ना बहुत से सवाल खड़े करता है. अगर एनआईए सतर्क नहीं होती तो यह माड्यूल गणतंत्र दिवस समारोह और कुंभ मेले के दौरान अपनी साजिश काे अंजाम दे सकता था और कई बेगुनाहों की जान ले सकता था.

 

अब यह बात भी पूरी तरह गलत साबित हो चुकी है कि मुस्लिम युवक अशिक्षा और गरीबी के चलते बंदूकें उठाते हैं. अब तो पकड़े गए लोगों में इंजीनियर और आईटी विशेषज्ञ से लेकर इस्लाम की शिक्षा देने वाला मौलवी भी शामिल है. दिल्ली के जाफराबाद का युवक इंजीनिय​रिंग का छात्र है, यह बम बनाने में माहिर था, दिल्ली विश्वविद्यालय का एक छात्र माड्यूल के लिए पैसे जुटाता था.

 

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