टिंकल हत्याकांड: मासूम की मौत से दुखी अलीगढ़ पुलिस के सिपाही ने कविता में बयां किया अपना दर्द

बीते बुधवार को जहां एक तरफ पूरा देश ईद का जश्न मना रहा था तो दूसरी तरफ यूपी के अलीगढ़ जिले में ढाई साल की टिंकल से कुछ राक्षसरुपी लोग कुकृत्य कर रहे थे. जिसके बाद से लोगों में काफी ज्यादा रोष और गुस्सा भरा है. हालांकि, जाहिद और असलम नामक 2 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें मासूम टिंकल की मौत से दुखी होकर अलीगढ़ पुलिस के सिपाही कपिल कुमार ने अपनी कलम के माध्यम से दर्द बयां किया है.


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पढ़ें सिपाही कपिल कुमार की कलम से लिखी गयी कविता

ऐसे लफ्ज़ कहां से लाऊं कि टिंकल तेरा दर्द लिखूं, हिंदुस्तान के ठेकेदारों बताओ तुम्हारा क्या फर्ज लिखूं.
आखिर क्या गुनाह किया टिंकल ने कि अस्मत उसकी लुट जाती है, ना जाने कितने मासूमों की जिंदगी जीते-जी घुट जाती है.
इतनी हवस क्यूं जागी है बच्ची में यौवन दिखता है, फिर भी बच जाते है जिंदा भारत में ईमान भी बिकता है.
तू ही बता ऊपर वाले जो मिले इंसाफ टिंकल को किसके नाम में वो खत लिखूं, ऐसे लफ्ज़ कहां से लाऊं की टिंकल तेरा दर्द लिखूं.
धर्म के ठेकेदार चुप हो जाते जब हरे और भगवे की बात आती है, खुद उनको भी मालूम नहीं इस गिरे स्वार्थ में कितनी बेटियां बर्बाद हो जाती है.
अब जगह-जगह बैनर नहीं कैंडल नहीं अंधियारा है, जयचंद खामोश क्यूं है आग लगाओ जो हत्यारा है.
मासूम के खून से कितना इतिहास रचोगे अब तो हवसी को आग लगा दो ना, ना अदालत ना तारीख दो सीधे फांसी चढ़ा दो ना.
कपिल शब्दों के भाव भी अब रो रहे कैसे दर्द को बयान करूं, कंठ भी रूंध गया और मै क्या कहूं.
हिंदुस्तान के ठेकेदारों बताओ क्या मैं तुम्हारा फर्ज लिखूं, ऐसे लफ्ज़ कहां से लाऊं कि टिंकल तेरा दर्द लिखूं.


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