Teachers Day Spcl: राधा कृष्णन के जीवन से जुड़ी इन बातों से हर किसी को सबक लेना चाहिए

हम सभी के जीवन को सफल बनाने में मुख्य भूमिका होती है गुरू की. भारत को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाले गुरुओं के गुरु डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन का 5 सितंबर यानि की आज जन्मदिन है और इस दिन को पूरे भारत में शिक्षकों के सम्मान के रूप में सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.

 

*सर्वपल्ली राधा कृष्णन का सबसे महत्वपूर्ण गहना था उनका साधारण रहन सहन और उच्च विचारों का समन्वय जिसकी वजह से वो गुरुओं के गुरु कहलाए.

 

* सिर में सफेद रंग की पगड़ी के साथ सफेद रंग की धोती और कुर्ता पहनना राधाकृष्णन को काफी पसंद था और ज्यादातर वो इसी तरह के लिबास में नजर आते थे। हालांकि उनके कुर्ते हमेशा बंद गले के ही होते थे.

 

* भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन केवल 4 से 5 घंटे की ही नींद लेते थे और खाने में उन्हें सिर्फ शुद्ध शाकाहारी खाना खाना पसंद था.

 

* राधाकृष्णन पूरे विश्व को एक ही स्कूल मानते थे और जहां से भी उन्हें कुछ सीखने को मिल जाता था वो उसे तुरंत अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते थे.

 

* राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक का काम सिर्फ छात्राओं को पढा़ना ही नहीं बल्कि पढ़ाते हुए उनका बौद्धिक विकास करना भी है.

 

* राधाकृष्णन  ने पढ़ाई को बच्चों के लिए कभी भी बोझ नहीं बनने दिया. पढ़ाई में बच्चों का मन लगा रहे इसके लिए वह पढ़ाते समय बच्चों को कभी -कभी गुदगुदाने वाले किस्से भी सुना दिया करते थे.

 

* राधाकृष्णन को कई ग्रन्थों का ज्ञान था. वो भेद -भाव से कोसों दूर रहते थे. शिक्षक होने की वजह से उनका धार्मिक दृष्टिकोण अच्छा था.

 

* 1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें ‘भारत रत्न’ की उपाधि से सम्मानित किया. इसके अलावा उन्हें ब्रिटिश शासनकाल में ‘सर’ की उपाधि भी दी गई थी.

 

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